जम्मू-कश्मीर प्रशासन डीडीसी सदस्यों को काम नहीं करने दे रहा : जेकेएपी प्रमुख
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) ने घाटी के दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों की सहायता के लिए पार्टी की ओर से किए जा रहे कार्यों में प्रशासन द्वाराबाधा डालने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि यदि ऐसा होता रहा तो जिला विकास परिषद (डीडीसी) में जेकेएपी के सदस्य अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) ने घाटी के दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों की सहायता के लिए पार्टी की ओर से किए जा रहे कार्यों में प्रशासन द्वाराबाधा डालने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि यदि ऐसा होता रहा तो जिला विकास परिषद (डीडीसी) में जेकेएपी के सदस्य अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे। जम्मू-कश्मीर की स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादों को प्रशासन को याद दिलाते हुए जेकेएपी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा कि उनकी पार्टी के डीडीसी सदस्यों को काम नहीं करने दिया जा रहा है। बुखारी ने पीटीआई-से कहा, ‘‘ हमारे पास डीडीसी की सदस्यता से इस्तीफा देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं रह गया है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन लगातार हमें परेशान कर रहा है और दूरदराज के ग्रमीण इलाकों में रहने वाले लोगों की मदद करने से रोक रहा है। मैं लोगों से झूठे वादे नहीं करना चाहता।’’
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जम्मू-कश्मीर में डीडीसी की 280 सीटों पर हुए चुनाव में से 15 सीटों पर जेकेएपी ने जीत हासिल की थी जबकि उसके समर्थन वाले 21 उम्मीदवारों को भी जीत मिली थी। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केन्द्र सरकार के पांच अगस्त 2019 के फैसले के बाद ही जेकेएपी का गठन हुआ था।
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बुखारी ने कहा कि जमीनी स्तर पर प्रशासन और आम आदमी के बीच गहरी खाई है। आम आदमी की समस्याओं को कोई नहीं सुन रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंचायत नेताओं को जीत की बधाई दी थी, लेकिन हकीकत में उन्हें अब तक सशक्त नहीं होने दिया गया है।
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