जितिन ने सहूलियत की राजनीति की, महामारी में कुप्रबंधन के जिम्मेदार लोगों के साथ हो लिए: कांग्रेस
जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली थी तो जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद ने विरोध किया था तथा विरोध में चुनाव लड़ा था और इसके बाद भी उन्हें पद दिया गया। बाद में जितिन प्रसाद को भी पार्टी में मौका दिया गया। वह युवा कांग्रेस के महासचिव, सांसद और फिर कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे।
उन्होंने प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने के मुद्दे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली थी तो जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद ने विरोध किया था तथा विरोध में चुनाव लड़ा था और इसके बाद भी उन्हें पद दिया गया। बाद में जितिन प्रसाद को भी पार्टी में मौका दिया गया। वह युवा कांग्रेस के महासचिव, सांसद और फिर कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे।’’ सुप्रिया ने कहा, ‘‘जितिन प्रसाद कहते हैं कि वे 8-10 साल से विचार कर रहे थे। मेरा सवाल है कि क्या आप यह उस वक्त सोच रहे थे जब आप मंत्री थे? आपने जो किया है वह दुख देता है। जब देश कोरोना महामारी से घिरा है और केंद्र और उप्र सरकार के कुप्रबंधन से ये हालात पैदा हुए हैं, ऐसे में क्या आपने इनके साथ जाने की भूल नहीं की? क्या आप इनके साथ खड़े होकर सहज महसूस करेंगे?’’LIVE: Congress Party Briefing by Ms @SupriyaShrinate, Spokesperson, AICC via Video Conferencing
— Congress (@INCIndia) June 9, 2021
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उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘यह लड़ाई सत्ता की लोलुपता की नहीं है। यह लड़ाई विचारधारा और भारत को लेकर विचार के बारे में है। अगर आप (प्रसाद) यू-टर्न लेते हैं तो लगता है कि आपकी वैचारिक प्रतिबद्धता में दिक्कत हमेशा से थी।’’ सुप्रिया ने सवाल किया, ‘‘दुर्भाग्य है कि कांग्रेस में इनको बढ़ावा दिया गया और पद भी दिया गया, इसके बावजूद ...। जिसको कांग्रेस ने इतना कुछ दिया, वह गए हैं। क्या यह सहूलियत की राजनीति नहीं है?’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आप भाजपा में जाकर अपने सिद्धांतों और विचारधारा पर सवाल खड़े करते हैं। विचारविहीन और सिद्धांतविहीन राजनीति यही होती है।’’ सचिन पायलट से जुड़े सवाल पर सुप्रिया ने कहा, ‘‘अगर पायलट को कोई दिक्कत है और उन्होंने कुछ कहा है तो मुझे लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व जरूर सुनेगा और उचित कदम उठाएगा।
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