भारत में सबसे आधुनिक होगी जम्मू-कश्मीर पुलिस, आतंक से मुकाबले के लिए मिलने जा रहे हैं अमेरिकी हथियार
जम्मू-कश्मीर पुलिस ऐसे आधुनिक हथियार हासिल करने वाली, शायद देश की पहली पुलिस होगी। बताया जा रहा है कि सुरक्षा प्राप्त लोगों के लिए तैनात ‘स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप’ (एसओजी) और कर्मियों को भी इन हथियारों से लैस किया जाएगा।
भारत में सर्वाधिक कठिन चुनौतियों का सामना करने वाली जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को आतंकवाद रोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए जल्द ही अमेरिकी सिग सॉयर असॉल्ट राइफल और पिस्तौल दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सेना ने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा (एलओसी) और चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रखवाली करने वाले अपने जवानों को पहले ही कई अत्याधुनिक राइफल दी हैं। इसी तर्ज पर आगे बढ़ते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस बल 500 सिग सॉयर-716 राइफल और 100 सिग सॉयर एमपीएक्स 9एमएम पिस्तौल खरीदेगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस ऐसे आधुनिक हथियार हासिल करने वाली, शायद देश की पहली पुलिस होगी। बताया जा रहा है कि सुरक्षा प्राप्त लोगों के लिए तैनात ‘स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप’ (एसओजी) और कर्मियों को भी इन हथियारों से लैस किया जाएगा। हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में सरकारी खरीद पोर्टल जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केट) पर, हथियारों की खरीद के लिए वैश्विक बोलियां आमंत्रित की थीं।
इसे भी पढ़ें: सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर के कुख्यात आतंकी सलीम पारे समेत दो आतंकवादी मारे गये : पुलिस
हम आपको बता दें कि पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इन्सास (इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम) राइफल्स के 5.56x45 मिमी इंटरमीडिएट कार्ट्रिज की तुलना में सिग सॉयर-716 असॉल्ट राइफल के 7.62x51 मिमी के काट्रिज अधिक शक्तिशाली हैं। बिना मैगजीन के 3.82 किलोग्राम की राइफल प्रति मिनट 650-850 गोलियां दाग सकती है और 500 मीटर की रेंज के कारण आतंकवाद रोधी अभियानों में एक प्रभावी हथियार साबित हो सकती है। इसके अलावा, राइफल किसी भी परिस्थिति में इस्तेमाल के लिए मजबूत, आधुनिक और सरल है। इसी तरह बिना मैगजीन के, 2.94 किलोग्राम की एसआईजी एमपीएक्स 9एमएम पिस्तौल प्रति मिनट 850 गोलियां चला सकती हैं। यह दोनों हथियार गैस से चलने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि भारत ने 2019 में, सिग सॉयर के साथ लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से 72,400 ‘असॉल्ट राइफल’ के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
कश्मीर में मुठभेड़
उधर, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों की बात करें तो कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मंगलवार को लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने कुलगाम जिले के ओके गांव की घेराबंदी कर वहां तलाश अभियान शुरू किया था, जो बाद में मुठभेड़ में बदल गया। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में दो आतंकवादियों की मौत हो गई। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने बताया कि मारे गए दोनों आतंकवादी स्थानीय लोग थे और लश्कर से जुड़े थे। उन्होंने बताया कि वे कई आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त थे। इससे पहले सोमवार को भी श्रीनगर में सुरक्षा बलों के साथ दो अलग-अलग मुठभेड़ों में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात और वांछित आतंकी सलीम पारे समेत दो आतंकवादी मारे गये थे। पुलिस ने बताया था कि मारा गया दूसरा आतंकी पाकिस्तानी नागरिक है।
इसे भी पढ़ें: सत्यपाल मलिक पर भड़के उमर अब्दुल्ला, कहा- जिस थाली में खाया, उसी में छेद किया
कश्मीर में बर्फबारी
आइये अब बात करते हैं कश्मीर के मौसम की। कश्मीर में मंगलवार को ताजा बर्फबारी होने के कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं और सड़कों से भी बर्फ हटाने का काम जारी है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार से घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रुक-रुक कर बर्फबारी हो रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में साल की पहली बर्फबारी हुई। बर्फबारी और कम दृश्यता के कारण कश्मीर आने-जाने वाली उड़ानें प्रभावित हुई हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा, ''अभी तक, 16 उड़ानें रद्द की गई हैं।'' अधिकारियों ने बताया कि गुलमर्ग और पहलगाम के पर्यटक रिज़ॉर्ट सहित सभी प्रमुख शहरों में बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। मौसम विज्ञान विभाग ने आठ जनवरी तक मध्यम से भारी हिमपात या बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी हिमपात की भी संभावना है।
कश्मीर में उत्सव
कश्मीर में इस समय 40 दिन का 'चिल्लई कलां' का दौर चल रहा है। इस दौरान क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाती है, जिससे यहां की प्रसिद्ध डल झील के साथ-साथ घाटी के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति लाइनों सहित जलाशय जम जाते हैं। चिल्लई कलां के दौरान जीवन तो दुश्वार हो जाता है लेकिन लोग इसे इंज्वॉय भी करते हैं। श्रीनगर में तीन दिवसीय शीतकालीन उत्सव 'इस्ताकबाल-ए-चिला-ए-कलां' में गीत-संगीत प्रेमियों का जमावड़ा लगा। श्रीनगर के टैगोर हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेने वालों में ज्यादातर युवा ही थे। प्रभासाक्षी संवाददाता ने इस आयोजन का जायजा लिया और प्रतिभागियों तथा आयोजकों से बातचीत की।
अन्य न्यूज़