Jammu-Kashmir Assembly ने Article 370 के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया, BJP ने विधानसभा के भीतर और सड़कों पर किया भारी हंगामा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने हंगामे के बीच एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र से पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों से बातचीत करने की मांग की गई है। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने प्रस्ताव पेश किया।
विशेष दर्जा बहाली की मांग वाले प्रस्ताव पर हंगामे के बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा की कार्यवाही आज बाधित हुई। हम आपको बता दें कि सदन ने पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की मांग वाला प्रस्ताव पारित कर दिया है। प्रस्ताव को पारित किये जाने के दौरान विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। प्रस्ताव पारित होने के बाद विधानसभा में शोरगुल देखने को मिला क्योंकि भाजपा सदस्य प्रस्ताव का विरोध करने के लिए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा और राठेर के खिलाफ नारे लगाए।
भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा, ‘‘हमारे पास सूचना है कि आपने (विधानसभा अध्यक्ष) कल मंत्रियों की बैठक बुलाई और खुद ही प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया।’’ राठेर ने विरोध कर रहे भाजपा सदस्यों को अपनी सीटों पर जाने तथा सदन की कार्यवाही चलने देने के लिए कहा। शोरगुल के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने नेकां के जावेद हसन बेग को उपराज्यपाल के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा। शोरगुल जारी रहने पर अध्यक्ष ने कार्यवाही को फिर से एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया।
इसे भी पढ़ें: Jammu-Kashmir LG Manoj Sinha ने आतंकवादियों को पनाह देने वालों के घर पर Bulldozer चलाने के दिये निर्देश
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने हंगामे के बीच एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र से पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों से बातचीत करने की मांग की गई है। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे केंद्र ने पांच अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया था। सुरिंदर चौधरी द्वारा पेश प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू और कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की और उन्हें एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता व्यक्त करती है।’’ प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘यह विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि बहाली की किसी भी प्रक्रिया में राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।’’ विपक्ष के नेता सुनील शर्मा सहित भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह सूचीबद्ध कार्य का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रस्ताव को खारिज करते हैं। हमें जो कार्य सूची दी गयी थी, वह यह थी कि चर्चा उपराज्यपाल के अभिभाषण पर होगी।''
उधर, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा की बहाली संबंधी प्रस्ताव पारित होने के बाद कहा कि विधानसभा ने अपना काम कर दिया है। विधानसभा परिसर के बाहर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विधानसभा ने अपना काम कर दिया है। मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा।’’ दूसरी ओर इस मुद्दे पर विपक्ष का कहना है कि यह लोगों के साथ गद्दारी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार 370 बहाल करके यह बताना चाहती है कि वह वाल्मीकियों, गोरखा समाज, पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी, पहाड़ी और गुर्जर के खिलाफ है।
अन्य न्यूज़