जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत की मुख्यधारा से पूरी तरह जुड़े : सरकार
सरकार ने बुधवार को बताया कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले, संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद अस्तित्व में आए दोनों नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत की मुख्यधारा से पूरी तरह जुड़ गए हैं।
नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को बताया कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले, संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद अस्तित्व में आए दोनों नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत की मुख्यधारा से पूरी तरह जुड़ गए हैं। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि अगस्त 2019 के बाद से जम्मू कश्मीर में 613 अलगाववादियों, आतंकवाद को परोक्ष रूप से समर्थन देने वालों और पथराव करने वालों को हिरासत में लिया गया। बाद में इनमें से 430 को रिहा कर दिया गया।
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एक अन्य प्रश्न के जवाब में रेड्डी ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद अस्तित्व में आए दोनों नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत की मुख्यधारा से पूरी तरह जुड़ गए हैं। उन्होंने बताया ‘‘इसके परिणाम स्वरूप जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को भारत के संविधान के तहत मिलने वाले सभी अधिकार और केंद्रीय कानूनों का लाभ मिल रहा है जिससे वह लोग पहले वंचित थे।’’ रेड्डी ने कहा कि इस बदलाव के बाद दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों में सामाजिक आर्थिक विकास हो रहा है, लोगों का सशक्तीकरण हुआ है, लंबे समय से भेदभाव के शिकार लोगों को समानता और वह बराबरी मिली है जिसके वह हकदार थे। इसके साथ साथ समग्र विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘‘ये सभी वह महत्वपूर्ण बदलाव हैं जिनके साथ दोनों केंद्र शासित प्रदेश विकास की ओर बढ़ रहे हैं।’’
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उन्होंने बताया कि पंचायती राज संस्थानों, ब्लॉक विकास परिषदों और जिला विकास परिषदों के चुनाव कराए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में जमीनी स्तर पर तीन स्तरीय लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित हुई है। मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा ‘‘एक अगस्त 2019 से जम्मू कश्मीर में 613 अलगाववादियों, आतंकवाद को परोक्ष रूप से समर्थन देने वालों और पथराव करने वालों को हिरासत में लिया गया।
नियमित समीक्षा और जांच के आधार पर बाद में इनमें से 430 को रिहा कर दिया गया।’’ रेड्डी ने बताया कि जम्मू कश्मीर प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में फिलहाल कोई भी व्यक्ति नजरबंद नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 25 सितंबर 2020 को 1,352.99 करोड़ रुपये का एक कारोबार पुनर्जीवन पैकेज स्वीकृत किया था। इसमें से 31 दिसंबर 2020 तक 434.08 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए।
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