जामिया के छात्रों ने कुलपति कार्यालय का घेराव किया, दिल्ली पुलिस के खिलाफ FIR की मांग
सईद फहाद नामक छात्र ने कहा कि प्राथमिकी उन लोगों के खिलाफ दर्ज की गई जो प्रदर्शन के दौरान अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे। उन्होंने पुलिस कार्रवाई को रेखांकित करते हुए कहा कि असली गुनाहगार अभी भी बाहर हैं।
नयी दिल्ली। दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को कुलपति नजमा अख्तर के कार्यालय का घेराव किया और पिछले महीने परिसर में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। इसके अलावा छात्रों ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं की तारीखों को नए सिरे से निर्धारित करने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। छात्र मुख्य द्वार का ताला तोड़कर कार्यालय परिसर में दाखिल हो गए और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की।
Delhi: Students protest outside office of Jamia Millia Islamia Vice Chancellor Najma Akhtar seeking rescheduling of exam dates,registration of FIR against Police and ensuring safety to students. pic.twitter.com/Ckw8A6EqsG
— ANI (@ANI) January 13, 2020
कुलपति अख्तर ने छात्रों को समझाने की कोशिश की और कहा कि प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिश की गई लेकिन अब तक यह पंजीकृत नहीं हुई है। कुलपति ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को सरकार के समक्ष भी उठाया और इस पर कानूनी राय भी मांगी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा दोगुनी कर दी गई है। नाराज छात्रों ने दावा किया कि हिंसा के बाद उन्हे छात्रावास खाली करने का नोटिस दिया गया, जिससे कुलपति ने इनकार किया।
सईद फहाद नामक छात्र ने कहा कि प्राथमिकी उन लोगों के खिलाफ दर्ज की गई जो प्रदर्शन के दौरान अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे। उन्होंने पुलिस कार्रवाई को रेखांकित करते हुए कहा कि असली गुनाहगार अभी भी बाहर हैं। अभियंत्रिकी के छात्र आदिल ने कहा कि पिछले महीने हुई हिंसा के मामले में एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के नजदीक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद चार सार्वजनिक बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी थी। इस दौरान छात्रों, पुलिस और अग्निशमन दल के सदस्यों सहित कुल 60 लाख लोग घायल हुए थे।
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