जेटली ने अमेरिका के समक्ष एच-1बी वीजा का मुद्दा उठाया

[email protected] । Apr 21 2017 11:34AM

जेटली ने अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रोस के समक्ष एच-1बी वीजा के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया और अधिक कुशल भारतीय पेशेवरों की अमेरिका में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

वाशिंगटन। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रोस के समक्ष एच-1बी वीजा के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया और अधिक कुशल भारतीय पेशेवरों की अमेरिका में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार ऐसा समझा जाता है कि यहां बैठक के दौरान रोस ने कहा कि अमेरिका ने एच-1बी वीजा मामले की समीक्षा शुरू की है और इस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। ट्रंप प्रशासन के अंतर्गत दोनों देशों के बीच पहली कैबिनेट मंत्री स्तर की वार्ता है।

एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियों तथा पेशेवरों के मामले को उठाते हुए जेटली ने रोस से अमेरिका तथा भारत के आर्थिक विकास में अत्यधिक कुशल भारतीयों के योगदान के बारे में बताया और जोर दिया के यह बना रहना चाहिए जो दोनों देशों के हित में है। ऐसा माना जा रहा है कि रोस ने कहा कि समीक्षा प्रक्रिया का जो भी नतीजा आएगा, ट्रंप प्रशासन का गुण आधारित आव्रजन नीति का लक्ष्य है जो उच्च दक्ष पेशेवरों को तरजीह दे। ट्रंप ने इस सप्ताह सरकारी आदेश पर दस्तखत किये जिसमें विदेश, श्रम, आंतरिक सुरक्षा एवं न्याय विभाग द्वारा एच-1बी वीजा की समीक्षा बात कही गयी है। जेटली अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्वबैंक की सालाना गृष्मकालीन बैठक में भाग लेने के लिये प्रतिनधिमंडल के साथ यहां आये हुए हैं।

अगले दो दिन वित्त मंत्री का अमेरिका, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, इंडोनेशिया तथा स्वीडन के वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने का कार्यक्रम है। वह पड़ोसी देश बांग्लादेश और श्रीलंका के वित्त मंत्रियों से भी मिल सकते हैं। वाणिज्य मंत्री के साथ बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों ने वर्षों में मजबूत रणनीतिक, आर्थिक एवं रक्षा संबंध विकसित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों को दोनों देशों में द्विपक्षीय आधार पर पूरा समर्थन है।

अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के फोन पर तीन बार बातचीत के बाद अधिकारियों की बैठक से पता चलता है कि दोनों सरकारें आने वाले साल में रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने जा रही हैं। बैठक के दौरान ऐसा समझा जाता है कि जेटली ने भारत की वृद्धि के बारे में जानकारी दी और मोदी सरकार के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) समेत नोटबंदी के बाद उठाये गये सुधार कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। जेटली ने कहा कि दोनों देश अगले कुछ साल में द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डालर सालाना पहुंचाने की दिशा में सक्षम होंगे। आईएमएफ और विश्वबैंक की ग्रीष्मकालीन बैठक के अलावा वित्त मंत्री को जी-20 विदेश मंत्रियों समेत अन्य बहुपक्षीय बैठकों में भी शामिल होना है। रविवार को वाशिंगटन डीसी से न्यूयार्क के लिये रवाना होने से पहले वह शोध संस्थानों तथा चर्चित भारतीय-अमेरिकियों से मिल सकते हैं।

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