यादवपुर विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर कार्यालय बंद करने के छात्रों के कृत्य की निंदा की

Jadavpur University
ANI

इस मुद्दे के लिए प्रोफेसरों को जिम्मेदार ठहराया। एक छात्र ने कहा, ‘‘हमने अधिकारियों, कुलपति और रजिस्ट्रार का ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन यादवपुर विश्वविद्यालय को सख्त कार्रवाई करनी होगी।’’

यादवपुर विश्वविद्यालय ने बुधवार को छात्रों के उससमूह के कृत्य की निंदा की, जिसने जनसंचार विभाग के दो शिक्षकों पर 50 उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उनके कमरे को बंद कर दिया।

यह घटना सोमवार को हुई, जब छात्रों ने पूर्व विभागाध्यक्ष संतवन चट्टोपाध्याय और सहायक प्रोफेसर अभिषेक दास के कार्यालय को बंद कर दिया, जो उस समय मौजूद नहीं थे। छात्रों ने आरोप लगाया कि पहले और दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं के पेपर का उचित मूल्यांकन नहीं किया गया।

उन्होंने इस मुद्दे के लिए प्रोफेसरों को जिम्मेदार ठहराया। एक छात्र ने कहा, ‘‘हमने अधिकारियों, कुलपति और रजिस्ट्रार का ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन यादवपुर विश्वविद्यालय को सख्त कार्रवाई करनी होगी।’’

दास को इस मामले में पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। इस पर विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर के कार्यालय को बंद करने की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। विश्वविद्यालय वर्तमान में कार्यकारी परिषद द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों के एक बाहरी पैनल की मदद से पेपर का पुनर्मूल्यांकन करने की प्रक्रिया में है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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