आम बजट को विपक्ष ने बताया निराशाजनक, कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर साधा निशाना

Its a hopeless budget, opposition leaders

कांग्रेस ने तीन विवादित कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि इन कानूनों से मंडिया खत्म हो जाएंगी और कृषि क्षेत्र कुछ बड़े उद्योगपतियों के नियंत्रण में चला जाएगा।

नयी दिल्ली। कांग्रेस, द्रमुक, भाकपा सहित विपक्षी दलों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट को आम लोगों के लिहाज से ‘निराशाजनक’ बताते हुए कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर कर्ज लेने और सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश पर जोर दिया गया है और इसके कारण आने वाले दिनों में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस ने तीन विवादित कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि इन कानूनों से मंडिया खत्म हो जाएंगी और कृषि क्षेत्र कुछ बड़े उद्योगपतियों के नियंत्रण में चला जाएगा। वहीं, भाजपा ने बजट को देश को जोड़ने वाला और आत्मनिर्भर भारत बनाने वाला बजट बताया। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस बजट में आशा की किरण दिखती है और इसमें देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही नए भारत के निर्माण पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट ‘‘सशक्त भारत’’ बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप है जिसकी सभी वर्गो ने सराहना की है।

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बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस कानून का पहला सार यह है कि कोई भी व्यक्ति देश में कहीं भी कितना भी अनाज, सब्जी और फल खरीद सकता है जिससे मंडियां खत्म हो जायेंगी। उन्होंने दावा किया कि इन कानूनों से मंडियां खत्म हो जाएंगी और कृषि क्षेत्र कुछ बड़े उद्योगपतियों के नियंत्रण में चला जाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि इसका आशय मंडियां खत्म करने, असीमित जमाखोरी शुरू करने से है और जब किसान अपनी उपज का सही दाम मांगेगा तो उसे अदालत में नहीं जाने दिया जाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि इन कानूनों के बाद देश का कृषि क्षेत्र दो-चार उद्योगपतियों के हाथ में चला जाएगा। उन्होंने कहा ‘‘सालों पहले परिवार नियोजन का नारा था, हम दो हमारे दो। जैसे कोरोना दूसरे रूप में आता है उसी तरह यह नारा आया है। यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है।’’ निचले सदन में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की टिप्पणी को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर ने उन्हें आड़े हाथों लिया। कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह बजट देश को आत्मनिर्भर बनाने और जोड़ने वाला है जिसे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सदन में ‘पीठ दिखाकर’ चले गए। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति झूठ की नींव पर कितनी बड़ी इमारत बना सकता है और सदन की गरिमा का बिल्कुल ख्याल नहीं रखते हुए संसद से पारित कानून को किस तरह काला कहता है, यह आज देखने को मिला।

स्मृति ईरानी ने निचले सदन में कहा कि कुछ लोग हतप्रभ हैं कि बजट पर चर्चा है, तो कोई क्यों चर्चा नहीं करे। लेकिन जिस व्यक्ति ने अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र अमेठी की सुध नहीं ली, वह बजट पर क्या चर्चा करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि ‘‘जो सज्जन आज बाल हठ का उदाहरण दे रहे थे, उन्होंने पूर्व में सांसद रहते हुए, इस क्षेत्र के विकास के लिये कुछ नहीं किया।’’ वहीं, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वह बजट पर तैयारी करके नहीं आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सदन एवं देश में भी कम रहते हैं जिसका खामियाजा सामने आया है। अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि जिन दो उद्योग घरानों की बात करते हैं, उन्हें केरल में जब कांग्रेस की सरकार थी तब बंदरगाह क्यों दिया गया? ये आपके ही हैं, आपने ही पाले हैं।’’ उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ कहां यह लिखा है कि अमेठी से चुनाव लड़ने वाले राहुल गांधी चुनाव हारने के बाद वायनाड से चुनाव नहीं लड़ सकते।

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वह कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन अमेठी का किसान वायनाड में अपनी फसल को क्यों नहीं बेच सकता ? ’’ चर्चा में भाग लेते हुए तेलुगुदेसम पार्टी के जयदेव गल्ला ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून के तहत सारे वादे 10 साल के भीतर पूरे किए जाने थे और अब इसमें सिर्फ दो साल का समय बचा है। सरकार को इस कानून पर पूरी तरह अमल करना चाहिए। कांग्रेस के सांसद के. जयकुमार ने कहा कि इस बजट में सिर्फ कर्ज लेने पर जोर दिया गया है। बहुत बड़े पैमाने पर कर्ज लिया जा रहा है। उन्होंने कृषि कानूनों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को न्यूतनम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देनी चाहिए थी, लेकिन जानबूझकर ऐसा नहीं किया गया। जयकुमार ने आरोप लगाया कि सरकार सभी सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश कर रही है।

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