हिन्दू आस्था तथा 110 करोड़ हिन्दुओं की सम्मान की विजय, 28 सालों से हिन्दू नेताओं और संतों को किया जा रहा था जलील
लखनऊ में सीबीआई की विशेष कोर्ट से इस मामले में बरी होने के बाद भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया ने कहा कि मैं भारत की न्याय प्रणाली को नमन करता हूँ। आज का फैसला उतना ही ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है जितना राम जन्म भूमि के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। 28 सालों से हिन्दू नेताओं और संतों को जलील किया जा रहा था।
भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आने वाले पूर्व मंत्री, भाजपा नेता और बजरंग दल के पूर्व अध्यरक्ष जयभान सिंह पवैया ने बाबरी मस्जिद ठांचे के गिराए जाने को लेकर आए फैसले को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताया है। बाबरी विध्वंस मामले में 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए भाजपा के संस्थापक सदस्य और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, जयभान सिंह पवैया समेत सभी 32 आरोपीयों को बरी कर दिए है। लखनऊ में सीबीआई की विशेष कोर्ट से इस मामले में बरी होने के बाद भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया ने कहा कि मैं भारत की न्याय प्रणाली को नमन करता हूँ। आज का फैसला उतना ही ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है जितना राम जन्म भूमि के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। 28 सालों से हिन्दू नेताओं और संतों को जलील किया जा रहा था।
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जयभान सिंह पवैया ने कहा कि हमारे ऊपर राजद्रोह, डकैती और लूटपाट जैसे अपराध कायम किये गए थे, लेकिन आज अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि 6 दिसंबर 1992 की घटना नियोजित नहीं थी। वह अचानक होने वाली घटना थी। सीबीआई 49 में से एक भी आरोपी के बारे में कोई भी दस्तावेज और तस्वीर तक सबूत के तौर पर पेश नहीं कर सकी। यह फैसला हिंदू समाज को पददलित करने वाली ताकतों की पराजय और हिन्दू आस्था तथा 110 करोड़ हिन्दुओं की सम्मान की विजय है।
अंतत: सत्य की विजय हुई।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 30, 2020
तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जो हमारे संत,महात्मा,वरिष्ठ नेताओं पर झूठे आरोप लगाये थे, वो निर्मूल सिद्ध हुए हैं।
विशेष अदालत के फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं! pic.twitter.com/oBW8joQbNE
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