भारत की चिंता बढ़ाने वाली खबर? कश्मीर को दहलाने की साजिश रच रहा ISIS-अलकायदा
भारतीय उपमहाद्वीप नाम से 13वीं रिपोर्ट जारी की गई है। आतंकी संगठनों ने अपनी मैगजीन का 2020 का नाम 'नवा-ए-अफगान जिहाद' से बदलकर 'नवा-ए-गजवा-ए-हिंद' कर दिया है। जिससे इस बात के संकेत मिलते हैं कि वह अपना ध्यान फिर से अफगानिस्तान से कश्मीर पर केंद्रित कर रहा है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकी संगठन अल कायदा फिर अपने नापाक मंसूबों के साथ कश्मीर में पांव पसारने की फिराक में हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में सुरक्षा के हालात पर संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें चौंकाने वाले दावे किए हैं। भारतीय उपमहाद्वीप नाम से 13वीं रिपोर्ट जारी की गई है। तालिबान और अन्य संबद्ध व्यक्तियों और संस्थाओं के संबंध में विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी दल की 13 वीं रिपोर्ट को संकल्प 2611 (2021) के अनुसार प्रस्तुत किया गया। रिपोर्ट कहती है कि आतंकी संगठनों ने अपनी मैगजीन का 2020 का नाम 'नवा-ए-अफगान जिहाद' से बदलकर 'नवा-ए-गजवा-ए-हिंद' कर दिया है। जिससे इस बात के संकेत मिलते हैं कि वह अपना ध्यान फिर से अफगानिस्तान से कश्मीर पर केंद्रित कर रहा है।
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बता दें कि अफगानिस्तान में अलकायदा भले ही बहुत चर्चा में न हो लेकिन उसने गजनी, हेलमंद, कंधार, निमरुज, प्तिका और जाबुल प्रांतों में अपने बनाए हुए हैं। जहां उसके 180 से 400 लड़ाके मौजूद हैं। इन लड़ाकों में बांग्लादेश, भारत, म्यांमार और पाकिस्तान के नागरिक शामिल हैं। यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि लश्कर और जैश के आतंकी कैंप अब भी अफगानिस्तान में हैं।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि एक सदस्य देश के अनुसार, अफगानिस्तान में मौलवी यूसुफ इसका नेतृत्व कर रहा है। एक अन्य सदस्य देश के अनुसार, अक्टूबर 2021 में एक अन्य लश्कर नेता मौलवी असदुल्लाह ने तालिबानी उप गृह मंत्री नूर जलील से मुलाकात की थी। रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य सदस्य देश ने कहा कि इस क्षेत्र में प्रभावी सुरक्षा कदम उठाए जाने के कारण जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है।
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