'सभी सरकारों को जाता है INS विक्रांत का श्रेय', जयराम रमेश बोले- 2014 के बाद की उपलब्धि बताना गलत है

Jairam Ramesh
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि आईएनएस विक्रांत को 2014 के बाद की उपलब्धि बताना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री शासन में निरंतरता को कभी नहीं मानते। आईएनएस विक्रांत का कमीशन आज एक बहुत बड़ी उपलब्धि है लेकिन इसे 22 साल पहले शुरू किया गया था।

नयी दिल्ली। भारत का पहला युद्धपोत आईएनएस विक्रांत नौसेना में शामिल किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आईएनएस विक्रांत को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि एयरक्राफ्ट कैरियर का श्रेय सभी सरकारों को जाता है।

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सभी सरकारों को जाता है श्रेय

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि आईएनएस विक्रांत को 2014 के बाद की उपलब्धि बताना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री शासन में निरंतरता को कभी नहीं मानते। आईएनएस विक्रांत का कमीशन आज एक बहुत बड़ी उपलब्धि है लेकिन इसे 22 साल पहले शुरू किया गया था। इस दौरान वाजपेयी सरकार, मनमोहन सरकार और मोदी सरकार रही।

उन्होंने कहा कि हम भारतीय नौसेना, इंजीनियरों, अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हैं लेकिन यह कहना कि यह पूरी तरह से 2014 के बाद की उपलब्धि है, यह गलत है। इसमें 22 साल लगे और इसका श्रेय सभी सरकारों को जाता है।

महिला सैनिकों की होगी तैनाती

आपको बता दें कि आईएनएस विक्रांत के 76 फीसदी से ज्यादा उपकरण भारत में ही बनाए गए हैं। इसे 20 हजार करोड़ रुपए की लगात से तैयार किया गया है। आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है, जिसका मतलब है कि युद्धपोत दो फुटबॉल फील्ड से भी बड़ा है। इसमें महिला सैनिकों की तैनाती के हिसाब से तैयार किया गया है क्योंकि इसमें महिला सैनिकों की भी तैनाती होगी।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में एक समारोह में स्वदेश निर्मित युद्धपोत को नौसेना के बेड़े में शामिल किया। आईएनएस विक्रांत के सेवा में शामिल होने के साथ ही भारत उन देशों के समूह में शुमार हो गया है जिनके पास अपने युद्धपोत का डिजाइन तैयार करने तथा उसका निर्माण करने की क्षमता है।

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