हाइब्रिड वॉरफेयर से निपटने में सक्षम है भारतीय सेना: ध्रुव कटोच
इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक (प्रशासन) के. सतीश नंबूदिरीपाड, अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) ममता वर्मा, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह एवं प्रो. प्रमोद कुमार भी उपस्थित थे।
नई दिल्ली। ''हमारा पड़ोसी देश अब सूचनाओं के सहारे युद्ध लड़ने की कोशिश कर रहा है। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि इस तरह के 'हाइब्रिड वॉरफेयर' से निपटने में भारतीय सेना पूरी तरह से सक्षम है।'' यह विचार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ध्रुव कटोच ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा सैन्य अधिकारियों के लिए आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम के समापन समारोह में व्यक्त किए। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक (प्रशासन) के. सतीश नंबूदिरीपाड, अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) ममता वर्मा, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह एवं प्रो. प्रमोद कुमार भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर विचार व्यक्त करते हुए ध्रुव कटोच ने कहा कि 'हाइब्रिड वॉरफेयर' दुश्मन के साथ जंग करने का नये जमाने का तरीका है। इस युद्ध में डेटा का खेल होता है और उस डेटा के विश्लेषण के बाद दुश्मन के खिलाफ चालें चली जाती हैं। उन्होंने कहा कि इस डेटा की मदद से आप दुश्मन देश में गलत सूचनाएं फैलाकर हिंसा और तनाव की स्थिति को जन्म दे सकते हैं। हमारा पड़ोसी देश आजकल यही कार्य कर रहा है, लेकिन भारत ने सूचनाओं के सही प्रयोग से उसे करारा जवाब दिया है। कटोच के अनुसार आज हम जिस दौर में रह रहे हैं, वहां सूचनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम मीडिया को मैनेज नहीं कर सकते, हम सिर्फ सूचनाओं को मैनेज कर सकते हैं। कटोच ने कहा कि न्यू मीडिया के इस दौर में समाज के हर वर्ग के लिए मीडिया साक्षरता अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज जब लगभग हर व्यक्ति के हाथ में स्मार्टफोन है, तब मीडिया के दुरुपयोग की संभावना कई गुना बढ़ गई है और इसे केवल मीडिया साक्षरता के माध्यम से ही नियंत्रित किया जा सकता है।We can’t manage Media or People, we just have to manage our Information said, Maj. Gen. @Dhruv_CK while addressing the Valedictory Function of Media Communication Course for Defence Personnel organized by IIMC.@ProfSanjay_IIMC pic.twitter.com/q2rjGqP1dV
— IIMC (@IIMC_India) February 19, 2021
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कटोच ने कहा कि मीडिया साक्षरता से हमें उस मनोवैज्ञानिक युद्ध का मुकाबला करने में भी मदद मिलेगी, जिसे आज हम पूरी दुनिया में देख रहे हैं। हमें भारत विरोधी ताकतों द्वारा एक उपकरण के रूप में अपनाए जा रहे इस मनोवैज्ञानिक युद्ध से सचेत रहना होगा। हमें यह सीखना होगा कि देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कैसे किया जाए। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि हमारे देश में सेना को हमेशा सम्मान और गर्व के भाव से देखा जाता है। इसलिए सभी सैन्य अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वह अपनी संचार कुशलता से और संचार माध्यमों के सही प्रयोग से भारतीय सेना की उस छवि को बनाए रखें। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि मौजूदा समय बदलाव का समय है। 21वीं शताब्दी 'इंटरनेट और सोशल मीडिया' के युग की शताब्दी मानी जा रही है। आज फेक न्यूज अपने आप में एक बड़ा व्यापार बन गई है और डिजिटल मीडिया ने भी इसे प्रभावित किया है।
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कार्यक्रम का संचालन विष्णुप्रिया पांडेय ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन गौरव नागपाल ने किया। आईआईएमसी प्रतिवर्ष सैन्य अधिकारियों के लिए मीडिया एवं संचार से जुड़े शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्सेज का आयोजन करता है। इन पाठ्यक्रमों में तीनों सेनाओं के कैप्टन लेवल से लेकर ब्रिगेडियर लेवल तक के अधिकारी हिस्सा लेते हैं। कोरोना के कारण इस वर्ष यह ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑनलाइन आयोजित किया गया है। इस वर्ष लोक मीडिया से लेकर न्यू मीडिया एवं आधुनिक संचार तकनीकों की जानकारी सैन्य अधिकारियों को प्रदान की गई है। इसके अलावा न्यू मीडिया के दौर में किस तरह सेना एवं मीडिया के संबंधों को बेहतर बनाया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण भी अधिकारियों को दिया गया है।
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