LAC पर तनाव के बीच भारत का शक्ति प्रदर्शन, भारतीय वायु सेना करेगी पूर्वोत्तर में युद्धाभ्यास
भारतीय वायुसेना ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष के तुरंत बाद पूर्वोत्तर में दो दिवसीय अभ्यास भी किया था।
वास्तविक नियंत्रण रेखा के पूर्वी क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अगले महीने की शुरुआत में अरुणाचल प्रदेश, असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, अन्य विमानों और ड्रोन के साथ एक प्रमुख हवाई युद्ध अभ्यास करेगी। यह कमांड स्तरीय युद्धाभ्यास पूर्वी वायु कमान की ओर से किया जाएगा, जिसका मुख्यालय शिलांग में है। भारतीय वायु सेना इसके जरिये 1 फरवरी से 5 फरवरी तक अपनी परिचालन तत्परता का परीक्षण करेगी।
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भारतीय वायुसेना ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष के तुरंत बाद पूर्वोत्तर में दो दिवसीय अभ्यास भी किया था। आगामी अभ्यास बड़े पैमाने पर होगा और इसमें सी-130जे 'सुपर हरक्यूलिस' विमान, चिनूक हेवी-लिफ्ट और अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर समेत कई तरह के प्लेटफॉर्म शामिल हैं। पूर्वी लद्दाख में चीन ने लगातार तीसरी सर्दियों के लिए सीमा पर 50,000 से अधिक सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती जारी रखी है और अब तक रणनीतिक रूप से स्थित डेपसांग मैदानों और डेमचोक क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है।
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इसके साथ ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के 1,346 किमी के हिस्से में बल-स्तर बढ़ा दिया है। उदाहरण के लिए पीएलए ने दो अतिरिक्त 'संयुक्त हथियार ब्रिगेड' रखे हैं। प्रत्येक में लगभग 4,500 सैनिक टैंक, तोपखाने और अन्य हथियारों के साथ हैं - जो कि मौजूदा सर्दियों के दौरान भी पूर्वी क्षेत्र में तैनात हैं।
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