तीस्ता मुद्दे पर भारत प्रतिबद्ध: मोदी ने हल का भरोसा दिया

[email protected] । Apr 8 2017 5:37PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बांग्लादेश को भावनात्मक तीस्ता जल साझा मुद्दे के ‘‘जल्द समाधान’’ का भरोसा दिया जिस पर करीब सात वर्षों से कोई फैसला नहीं हो पाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बांग्लादेश को भावनात्मक तीस्ता जल साझा मुद्दे के ‘‘जल्द समाधान’’ का भरोसा दिया जिस पर करीब सात वर्षों से कोई फैसला नहीं हो पाया है। मोदी और बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच यहां ‘‘सार्थक’’ बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने रक्षा और असैन्य परमाणु सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में करीब दो दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर किये। मोदी ने दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत करने के तरीकों पर हसीना के साथ व्यापक चर्चा की। मोदी ने उसके बाद बांग्लादेश में परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 4.5 अरब डालर के रियायती ऋण सुविधा की घोषणा की।

मोदी ने इसके साथ ही बांग्लादेश को सैन्य आपूर्ति के लिए 50 करोड़ डालर के अतिरिक्त ऋण सुविधा की घोषणा करते हुए कहा कि यह उस देश की जरूरत के अनुसार संचालित होगा। यद्यपि अत्यधिक विलंबित तीस्ता जल बंटवारे को लेकर समझौते पर दोनों पक्षों के बीच कोई फैसला नहीं हो पाया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीकार किया कि भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए तीस्ता जल का मुद्दा ‘महत्वपूर्ण’ है और इस बारे में भारत की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा कि तीस्ता जल बंटवारे के मुद्दे का हल जल्द निकाला जा सकता है और निकाला जायेगा। तीस्ता समझौते पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सितम्बर 2011 में होने वाली बांग्लादेश यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होने वाले थे लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति के चलते इसे आखिरी समय में टाल दिया गया। तीस्ता का पानी बांग्लादेश के लिए विशेष तौर पर दिसम्बर से मार्च की अवधि के दौरान बहुत महत्वपूर्ण है जब पानी का प्रवाह अस्थायी रूप से पांच हजार क्यूसेक से कम होकर 1000 क्यूसेक से नीचे तक आ जाता है।

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