आतंकी उमर शेख की रिहाई के आदेश पर भारत का पक्ष, कहा- यह न्याय का मजाक है

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पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के मामले में मुख्य संदिग्ध उमर सईद शेख को पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिहा करने के आदेश देने के बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवाद के जघन्य कृत्य में उसे दोषी नहीं ठहराया जाना न्याय का मजाक है।

नयी दिल्ली। पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के मामले में मुख्य संदिग्ध उमर सईद शेख को पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिहा करने के आदेश देने के बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवाद के जघन्य कृत्य में उसे दोषी नहीं ठहराया जाना न्याय का मजाक है। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने शेख के बरी होने के खिलाफ दायर अपील को खारिज करते हुए उसकी रिहाई का आदेश दिया है। पर्ल की 2002 में अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी।

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भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह मामला आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान की नीयत को दिखाता है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने पहले भी इसका उल्लेख किया था कि आतंकवाद के आरोपियों के संदर्भ में पाकिस्तान में दोषसिद्धि की दर बहुत कम है। यह मामला आतंकवाद के मोर्चे पर कदम उठाने को लेकर पाकिस्तान की नीयत को सही मायनों में दर्शाता है।’’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘यह न्याय का मजाक है कि उमर सईद को आतंकवाद के जघन्य कृत्य को लेकर दोषी नहीं पाया गया।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रुख वही है कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीन से पैदा होने वाले आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ सतत, विश्वसनीय और ठोस कार्रवाई करनी होगी।’’ गौरतलब है कि वर्ष 2002 में कराची में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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