जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण से जुड़े मलेशियाई PM के दावे को भारत ने किया खारिज
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा वास्तव में व्लादिवोस्तोक में प्रधानमंत्री मोदी की मलेशियाई समकक्ष के साथ बैठक के दौरान उठा था।
नयी दिल्ली। भारत ने मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के उस दावे का मंगलवार को खंडन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनशोधन और आतंकवाद संबंधी आरोपों को लेकर भारत में वांछित जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का उनसे अनुरोध नहीं किया है। भारत ने कहा कि पिछले महीने जब रूस में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई तो यह मुद्दा उठाया गया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को नयी दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा वास्तव में व्लादिवोस्तोक में प्रधानमंत्री मोदी की मलेशियाई समकक्ष के साथ बैठक के दौरान उठा था।
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जयशंकर ने कहा कि भारत पहले ही जनवरी में मलेशिया से नाइक के प्रत्यर्पण का अनुरोध कर चुका है। उन्होंने कहा, ...भारत की अपेक्षाएं बता दी गई थीं और यह फैसला हुआ था कि संबंधित अधिकारियों की बैठक होनी चाहिये। जयशंकर ने कहा, मैं स्पष्ट कर दूं कि जनवरी 2018 में प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया था। हम जाकिर को वापस लाना चाहते हैं और हम उस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत नाइक के प्रत्यर्पण के लिये सभी स्तरों पर अथक प्रयास कर रहा है। 53 वर्षीय नाइक 2016 में भारत छोड़कर मुस्लिम बहुल मलेशिया चला गया था जहां उसे स्थायी निवासी का दर्जा प्रदान कर दिया गया था।
इससे पहले, महातिर ने कहा कि मोदी ने इस महीने के शुरू में रूस में एक आर्थिक मंच सम्मेलन के दौरान मुलाकात में उनसे विवादास्पद इस्लामी प्रचारक के प्रत्यर्पण का कोई अनुरोध नहीं किया था। हालांकि, नयी दिल्ली ने एक आधिकारिक नोटिस जारी किया है। विदेश सचिव विजय गोखले ने पांच सितंबर को पत्रकारों को प्रधानमंत्री की महातिर के साथ द्विपक्षीय बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा था कि मोदी ने नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा मलेशियाई प्रधानमंत्री के साथ उठाया। नाइक के प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर महातिर ने मलेशियाई रेडियो स्टेशन बीएफएम 89.9 से कहा कि बहुत अधिक देश उसे पसंद नहीं करते। मैंने मोदी से मुलाकात की। उन्होंने इस व्यक्ति के लिए नहीं कहा।
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उन्होंने यह भी कहा कि मलेशिया को एक स्थान की तलाश है जहां जाकिर नाइक को भेजा जा सके जिसने हाल में हिंदू और चीनी मलेशियाई लोगों के खिलाफ नस्ली रूप से संवेदनशील टिप्प्णी की थी। प्रधानमंत्री महातिर ने उसके बाद दोहराया कि नाइक द्वारा नस्ली रूप से विभाजनकारी टिप्पणी के बाद अब उसे मलेशिया में सार्वजनिक रूप से बोलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस देश का नागरिक नहीं है। मैं समझता हूं कि उसे पूर्ववर्ती सरकार द्वारा स्थायी निवासी का दर्जा दिया गया था। किसी स्थायी निवासी से उम्मीद नहीं की जाती कि वह इस देश की व्यवस्था और राजनीति के बारे में टिप्पणी करे। उसने उल्लंघन किया है। अब उसे बोलने की इजाजत नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम कुछ ऐसे स्थान की तलाश करने का प्रयास कर रहे हैं जहां उसे फिलहाल भेजा जा सके लेकिन उसे (नाइक) कोई स्वीकार नहीं करना चाहता। भारतीय प्राधिकारियों को कथित रूप से धनशोधन और नफरत फैलाने वाले भाषणों से अतिवाद भड़काने के लिए नाइक की 2016 से तलाश है। मलेशियाई हिंदुओं और चीनियों के खिलाफ टिप्पणी के बाद नाइक की किसी भी सार्वजनिक गतिविधि पर रोक लगा दी गई है।
PM of Malaysia, Dr Mahathir says "Zakir Naik isn't a national of this country, he was given permanent status by previous govt. Permanent resident isn't supposed to make comments on country's system or politics, he breached that, so now he isn't allowed to speak": Malaysian Media https://t.co/gRQghbLAzD
— ANI (@ANI) September 17, 2019
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