Quit India Movement | 'भारत एक स्वर में कह रहा है भ्रष्टाचार, वंशवाद, तुष्टिकरण भारत छोड़ो', प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर निशाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने वाले लोगों को बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन को याद करते हुए कहा कि भारत अब भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण के खिलाफ एक स्वर में बोल रहा है।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने वाले लोगों को बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन को याद करते हुए कहा कि भारत अब भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण के खिलाफ एक स्वर में बोल रहा है। मोदी ने विपक्ष पर परोक्ष रूप से ऐसे समय में निशाना साधा है जब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बुधवार को इसी तर्ज पर देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई और इस आंदोलन ने अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। आंदोलन शुरू होने के पांच वर्ष बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था।
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पीएम मोदी का विपक्ष पर निशाना
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले महान लोगों को श्रद्धांजलि। गांधी जी के नेतृत्व में, इस आंदोलन ने भारत को औपनिवेशिक शासन से मुक्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत एक स्वर में कह रहा है: भ्रष्टाचार भारत छोड़ो। वंशवाद भारत छोड़ो। तुष्टिकरण भारत छोड़ो।’’ मोदी ने विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति करने का बार-बार आरोप लगाया है। पिछले दिनों एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत के दिन को ऐतिहासिक करार दिया था और कहा था कि इसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा पैदा की। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की तर्ज पर ‘भ्रष्टाचार-भारत छोड़ो, वंशवाद-भारत छोड़ो, तुष्टिकरण-भारत छोड़ो’ अभियान चलाने का आह्वान किया था।
भारत छोड़ो आंदोलन का इतिहास
भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में गोवालिया टैंक मैदान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) द्वारा शुरू किया गया था। आंदोलन का नारा था "करो या मरो।" 'राष्ट्रपिता' ने अंग्रेजों से "भारत छोड़ो" और देश का शासन जनता पर छोड़ने के लिए कहा। हालाँकि इस आंदोलन को स्थानीय लोगों से बहुत समर्थन मिला, ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार ने 'ऑपरेशन ज़ीरो आवर' शुरू करके जवाबी कार्रवाई की और भारत छोड़ो आंदोलन के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। रिपोर्ट्स की मानें तो आंदोलन के दौरान करीब 1,00,000 लोगों को जेल में डाल दिया गया और करीब 1,000 लोग मारे गए। जब कोई भारत छोड़ो आंदोलन के परिणाम को समझने की कोशिश करता है तो इसका अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रभाव पड़ा। जबकि ब्रिटिश अधिकारियों ने तुरंत आंदोलन को दबा दिया, इसने भारतीयों के बीच एकता और दृढ़ संकल्प की भावना को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे देश के स्वतंत्रता संग्राम को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिला।
Tributes to the greats who took part in the Quit India Movement. Under the leadership of Gandhi Ji, this Movement played a major role in freeing India from colonial rule. Today, India is saying in one voice:
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2023
Corruption Quit India.
Dynasty Quit India.
Appeasement Quit India. pic.twitter.com/w6acXBoNq1
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