श्रीलंकाई मछुआरों ने भारतीय नौसेना पर लगाए गंभीर आरोप, भारत ने खबरों को दिया साफ झूठ करार
श्रीलंका के 13 स्थानीय मछुआरों के एक समूह ने दावा किया था कि मछली पकड़ने के जहाज ‘थुशान 1’ और ‘थुशान 2’ पर सवार होकर वे सात मई को समुद्र में उतरे थे और चार जून को डिएगो गार्सिया के निकट अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में भारतीय नौसेना ने उनके साथ मारपीट की।
कोलंबो। भारत ने शुक्रवार को श्रीलंका के स्थानीय मीडिया में आई उन खबरों को ‘साफ झूठ’ करार दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत की नौसेना ने कथित तौर पर श्रीलंका के मछुआरों के समूह के साथ मारपीट की है। भारत ने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई। श्रीलंका के 13 स्थानीय मछुआरों के एक समूह ने दावा किया था कि मछली पकड़ने के जहाज ‘थुशान 1’ और ‘थुशान 2’ पर सवार होकर वे सात मई को समुद्र में उतरे थे और चार जून को डिएगो गार्सिया के निकट अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में भारतीय नौसेना ने उनके साथ मारपीट की।
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इनमें से दो मछुआरों ने बृहस्पतिवार को स्थानीय हीरू टीवी को बताया, ‘‘हमने बताया कि हम मछुआरे हैं, इसके बावजूद उन्होंने हमसे मादक पदार्थ मांगे।’’ भारतीय उच्चायोग ने मछुआरों के भारतीय नौसेना द्वारा उनके साथ मारपीट के दावे को खारिज किया। उच्चायोग की ओर से कहा गया, ‘‘17 जून को मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि भारतीय नौसेना ने श्रीलंका के मछुआरों के समूह पर हमला किया, जो साफ झूठ है। इस तरह की कोई घटना नहीं घटी।’’ उच्चायोग ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘भारतीय नौसेना एक बहुत ही अनुशासित एवं पेशेवर बल है, जो अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन परिपूर्ण तरीके से करती है।’’ उसने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों से जुड़े सभी मुद्दों को स्थापित द्विपक्षीय प्रणालियों और समझौतों के जरिए मानवीय तरीके से सुलझाने के लिए भारत दृढ़ प्रतिज्ञ है।
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मीडिया में कथित घटना की खबरें आने के बाद मत्स्यपालन मंत्रालय में सचिव इंदु रथनायक ने स्थानीय मीडिया से कहा कि रिपोर्ट की छानबीन के बाद इस बारे में भारत से बात की जाएगी। इससे पहले कई भारतीय मछुआरे आरोप लगा चुके हैं कि श्रीलंका सीमा के निकट मछली पकड़ने पर उन पर श्रीलंका की नौसेना ने हमला किया। मछली पकड़ते वक्त असावधानीवश एक दूसरे के जल क्षेत्र में जाने पर दोनों देशों के मछुआरे गिरफ्तार किए जाते रहे हैं। इस तरह की घटनाओं के बाद द्विपक्षीय संबंधों में मछुआरों का मुद्दा तनाव का प्रमुख विषय बन गया है। इस साल जनवरी में विदेश मंत्री एस. जयशंकर श्रीलंका आए थे और उन्होंने मत्स्यपालन मंत्री डगलस देवानंद से मुलाकात की थी। जयशंकर ने मछुआरों से जुड़ा मुद्दा उठाया था और मत्स्यपालन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की थी।
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