इंदौर में आयकर का छापा, 50 करोड़ से अधिक के लेन-देन का खुलासा
कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग को कुल एक करोड़ 10 लाख रुपये नकद के साथ 50 करोड़ रुपये के बेनामी लेन-देन का हिसाब मिला है। नकदी को विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है। टीम को 50 से अधिक बैंक खातों और 12 लॉकरों से नकद राशि बरामद हुई।
इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रीयल एस्टेट और अनाज कारोबारी जेआरजी ग्रुप पर टैक्स चोरी की आशंका में आयकर विभाग द्वारा की गई छापामार कार्रवाई में 50 करोड़ रुपये से अधिक के बेनामी लेन-देन का खुलासा हुआ है। मंगलवार सुबह शुरू हुई कार्रवाई बुधवार देर रात चली, जिसमें 50 से अधिक बैंक खातों के साथ ही 40 करोड़ की सांवेर में 70 फीसदी नकद भुगतान में खरीदी जमीन के दस्तावेज बरामद हुए हैं। जेआरजी ग्रुप और उससे जुड़े पार्टनरों के यहां से एक दर्जन लॉकर के साथ कई डायरियां और अन्य दस्तावेज, लैपटॉप, पेन ड्राइव जब्त की गई है।
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आयकर की इंवेस्टीगेशन विंग द्वारा शहर के जेआरजी रियलिटी और उससे जुड़ी तीन कंपनियों के खिलाफ मंगलवार सुबह छापा मार कार्रवाई शुरू की थी। इनमें जेआरजी ग्रुप के संचालक और भागीदार, घनश्याम गोयल, तिलक गोयल, रोशन पोरवाल, अनिल धाकड़, आरएनटी मार्ग की मिलिंद मेनोर बिल्डिंग में ग्रुप के कार्पोरेट दफ्तर, डकाच्या में विकसित लॉजिस्टिक पार्क, टेलीफोन नगर, साकेत नगर, मल्हारगंज, पालदा व अन्य क्षेत्रों में समूह में भागीदारों के दफ्तरों और घरों सहित 15 ठिकानों पर अलग-अलग टीमों द्वारा बुधवार देर रात तक कार्रवाई जारी रही। बताया गया है कि आयकर विभाग को जमीनी कारोबार के साथ-साथ अनाज, दलहन के सौदों के जरिए भी काली कमाई की जानकारी हाथ लगी है।
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इस कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग को कुल एक करोड़ 10 लाख रुपये नकद के साथ 50 करोड़ रुपये के बेनामी लेन-देन का हिसाब मिला है। नकदी को विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है। टीम को 50 से अधिक बैंक खातों और 12 लॉकरों से नकद राशि बरामद हुई। दिल्ली की फर्मों और कंपनियों से लेन-देन के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। आयकर अधिकारियों ने अलग-अलग ठिकानों से मिली ज्वैलरी भी बरामद की है। गुरुवार को सभी दस्तावेजों का मूल्यांकन किया जा रहा है। अनुमान है कि बेनामी लेन-देन का आंकड़ा 70 करोड़ के आसपास पहुंच सकता है।
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