आबकारी मामले में सिसोदिया ने शीर्ष अदालत में उपचारात्मक याचिकाओं पर जल्दी सुनवाई की अर्जी दी
शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था कि जांच एजेंसियों द्वारा दाखिल सबूत 338 करोड़ रुपये के ‘अप्रत्याशित लाभ’’ की की बात का समर्थन करते प्रतीत होते हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के जेल में बंद नेता मनीष सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामले में 2023 में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपनी दो उपचारात्मक याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करने की अर्जी दी।
सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि वह (सिसोदिया) एक वर्ष से जेल में बंद हैं और उन्होंने इन उपचारात्मक याचिकाओं को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मैं पहले ही याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का निर्देश दे चुका हूं। शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर, 2023 को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं को खारिज करने के 30 अक्टूबर के फैसले की समीक्षा का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था कि जांच एजेंसियों द्वारा दाखिल सबूत 338 करोड़ रुपये के ‘अप्रत्याशित लाभ’’ की की बात का समर्थन करते प्रतीत होते हैं। सिसोदिया को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था।
अन्य न्यूज़