हनुमान चालीसा पाठ मामले में अदालत ने कहा : राणा दंपति देरी कर रहे; 19 जनवरी को आरोप तय होंगे

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इससे पहले, अदालत ने उन्हें आरोपमुक्त करने की उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि गवाहों के बयानों के आधार पर आवेदकों के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं। अदालत ने कहा था कि मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत अपराध बनता है। दंपति को अप्रैल 2022 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना छोड़ दी थी। दोनों इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं।

मुंबई की एक विशेष अदालत ने कहा है कि लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा हनुमान चालीसा पाठ विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई में देरी कर रहे हैं। इसके साथ ही अदालत ने उन्हें पेश होने से छूट देने से इनकार कर दिया। अदालत ने आरोप तय करने के लिए उन्हें 19 जनवरी को पेश होने को कहा। विशेष न्यायाधीश आर एन रोकाडे ने कहा कि इस अदालत के निर्देश के बावजूद, आरोपी पेश नहीं हो रहे हैं और ऐसा लगता है कि वे सुनवाई में देरी कर रहे हैं। अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ यहां यह गौर किया जाना चाहिए कि आरोपियों ने आवेदन में कहा है कि वे अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में जरूरी काम में व्यस्त हैं। अस्पष्ट आवेदन की पृष्ठभूमि में, मेरा मानना है कि व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए पर्याप्त कारण नहीं बताए गए हैं।’’

अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ 11 जनवरी को आरोप तय होने थे लेकिन रोजनामा से पता चलता है कि वे 19 जून से 21 नवंबर 2023 के बीच अदालत में पेश नहीं हुए हैं। उसने कहा कि वे एक अक्टूबर से 14 दिसंबर 2022 के बीच भी अदालत में पेश नहीं हुए थे। अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और बडनेरा के विधायक रवि राणा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया था। राणा दंपति ने घोषणा की थी कि वे तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। उसके बाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पश्चिमी मुंबई के खार स्थित उनके घर गई थी और दंपति ने कथित तौर पर उस पुलिस टीम का विरोध किया था।

इससे पहले, अदालत ने उन्हें आरोपमुक्त करने की उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि गवाहों के बयानों के आधार पर आवेदकों के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं। अदालत ने कहा था कि मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत अपराध बनता है। दंपति को अप्रैल 2022 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना छोड़ दी थी। दोनों इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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