‘पेपर लीक’ विवाद के बीच परीक्षा कानून का लागू किया जाना ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोशिश : Jairam Ramesh

Jairam Ramesh
प्रतिरूप फोटो
ANI

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस कानून की जरूरत थी, लेकिन यह पेपर लीक के बाद की स्थिति से निपटता है जबकि यह सुनिश्चित करने के लिए कानून और प्रक्रियाओं की आवश्यकता है कि पेपर लीक ही न हो।

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि नीट-स्नातक, यूजीसी-नेट परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच, केंद्र सरकार द्वारा लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 अधिसूचित किया जाना डैमेज कंट्रोल (स्थिति को संभालने) की कोशिश है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस कानून की जरूरत थी, लेकिन यह पेपर लीक के बाद की स्थिति से निपटता है जबकि यह सुनिश्चित करने के लिए कानून और प्रक्रियाओं की आवश्यकता है कि पेपर लीक ही न हो। 

नीट, यूजीसी-नेट परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है। इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, 13 फरवरी 2024 को राष्ट्रपति ने लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम), विधेयक, 2024 को अपनी स्वीकृति दी थी। अंततः, आज सुबह ही देश को बताया गया है कि यह अधिनियम कल, यानी 21 जून, 2024 से लागू हो गया है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से यह नीट, यूजीसी-नेट, सीएसआईआर-यूजीसी-नेट और अन्य घोटालों से पैदा हुई स्थिति को संभालने की कोशिश है। रमेश ने यह भी कहा, इस कानून की जरूरत थी, लेकिन यह लीक होने के बाद मामले से निपटता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कानून, प्रणालियां और प्रक्रियाएं अधिक महत्वपूर्ण हैं कि पेपर लीक ही न हो।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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