अगर NRC और UCC लागू नहीं होगा तो घुसपैठिए पूरे राज्य पर कर लेंगे कब्जा...Jharkhand को लेकर हिमंत बिस्वा सरमा का दावा

Himanta Biswa Sarma
ANI
अंकित सिंह । Nov 4 2024 5:17PM

अपने बयान में हिमंता ने कहा कि हमें झारखंड में घुसपैठियों की पहचान के लिए एनआरसी और ऐसे सर्वे करने होंगे। कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम यूसीसी लाएंगे लेकिन आदिवासियों को इससे दूर रखेंगे।

असम के सीएम और झारखंड के बीजेपी सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अगर एनआरसी और यूसीसी लागू नहीं होगा तो घुसपैठिए पूरे झारखंड पर कब्जा कर लेंगे। अपने बयान में हिमंता ने कहा कि हमें झारखंड में घुसपैठियों की पहचान के लिए एनआरसी और ऐसे सर्वे करने होंगे। कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम यूसीसी लाएंगे लेकिन आदिवासियों को इससे दूर रखेंगे। अगर एनआरसी और यूसीसी लागू नहीं होगा तो घुसपैठिए पूरे झारखंड पर कब्जा कर लेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हेमंत सोरेन चाहते हैं कि घुसपैठिए आएं क्योंकि वे उनके वोट बैंक हैं। 

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वहीं, बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव होने वाला है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी अपने मूल मंत्र पर चलते हुए विकास की बात कर रही है, देश और प्रेदश के निवासियों को जोड़ने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का एक ही मकसद है- पहले बांटो, उसके बाद जो घुसपैठिये घुस जाएं, वो काटें। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि घुसपैठियों को चुन-चुन कर बाहर करेंगे। दूसरी ओर, जेएमएम और कांग्रेस का मूल मंत्र है- घुसपैठियों का चुन-चुन कर ब्याह करेंगे।

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भाजपा नेता ने साफ तौर पर दावा किया कि कांग्रेस हो, जेएमएम हो या आरजेडी हो... ये सभी तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। इनको घुसपैठियों से कोई परहेज नहीं है, ये घुसपैठियों को गले लगाते हैं... क्योंकि घुसपैठिये इनका वोटबैंक हैं। उन्होंने कहा कि जेएमएम और कांग्रेस की एक ही गारंटी है- वो गारंटी है भ्रष्टाचार की, वो गारंटी है वंशवाद की, वो गारंटी है तुष्टिकरण की, वो गारंटी है हेरा-फेरी की। उन्होंन दावा किया कि जनगणना के आंकड़ों से संथाल परगना में एक महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय बदलाव का पता चलता है। 2001 और 2011 के बीच, अनुसूचित जनजाति की आबादी 46% से घटकर 42% हो गई, जबकि मुस्लिम आबादी 33% से बढ़कर 36% हो गई। यह परिवर्तन क्षेत्र की बदलती जनसांख्यिकी, प्राथमिकताओं और अन्य कारकों के बारे में बहुत कुछ बताता है।

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