Kejriwal हिरासत में हैं तो सोचने वाला विषय है की वाटसअप संदेश उन तक कैसे पहुंचेंगे, यह सब केवल "आप" का खबरों मे बने रहने का अभियान है: Virendraa Sachdeva
सचदेवा ने कहा है की आम आदमी पार्टी "मै भी केजरीवाल" जैसे अनेक राजनीतिक कैम्पेन चलाती है पर सब जनता की बीच जाकर फेल हो जाते हैं। अब आज आम आदमी पार्टी ने संवेदना बटोरने के लिए जो वाटसअप नम्बर अरविंद केजरीवाल की पत्नी से जारी करवाये हैं इन पर दिल्ली के आम नागरिक नही केवल आम आदमी पार्टी के पेशेवर कार्यकर्ता संदेश भेजेंगे।
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की आम आदमी पार्टी फर्जीवाड़े का दूसरा नाम है। अपने दो पूर्व मंत्रियों, एक सांसद एवं पार्टी के कुछ नेताओं के बाद अब मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में हिरासत में हैं पर शर्मसार होकर जनता से माफी मांगने की जगह पार्टी अब जहाँ एक ओर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को एक त्याग कुर्बानी के रूप मे दिखा रही है तो वहीं रोज़ मुख्य मंत्री की पत्नी को सामने कर संवेदना बटोरना चाह रही तो तीसरी ओर सुआतिशी आदि तर्कहीन प्रेस वार्ताएं कर लोगों को भ्रमित करने मे लगे हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की आम आदमी पार्टी और उनके सुआतिशी जैसे नेता जितना भी प्रयास कर लें ना तो दिल्ली की जनता अब भ्रमित होगी ना केजरीवाल की गिरफ्तारी से गलतफहमी में आयेगी। जनता भलीभांति जानती है की मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नैययर सब लम्बे समय से शराब घोटाले मे जेल मे हैं, ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रिम कोर्ट तक इनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकीं और अब अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी उसी घोटाले में अंतिम कड़ी है ना कोई त्याग कुर्बानी।
सचदेवा ने कहा है की आम आदमी पार्टी "मै भी केजरीवाल" जैसे अनेक राजनीतिक कैम्पेन चलाती है पर सब जनता की बीच जाकर फेल हो जाते हैं। अब आज आम आदमी पार्टी ने संवेदना बटोरने के लिए जो वाटसअप नम्बर अरविंद केजरीवाल की पत्नी से जारी करवाये हैं इन पर दिल्ली के आम नागरिक नही केवल आम आदमी पार्टी के पेशेवर कार्यकर्ता संदेश भेजेंगे। सचदेवा ने कहा है की केजरीवाल जेल में हैं तो सोचने वाला विषय है की वाटसअप संदेश उन तक कैसे पहुंचेंगे, यह सब केवल "आप" का खबरों मे बने रहने का अभियान है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की जांच ऐजेनसी द्वारा मुख्य मंत्री केजरीवाल से फोन मांगे जाने पर मंत्री सुआतिशी की ब्यानबाज़ी को भ्रमक बताते हुऐ कहा है की आखिर क्या कारण है की चाहें आज केजरीवाल हों या कल मनीष सिसोदिया दोनों रहस्मय ढ़ग से अपने फोन बदलते खोते रहे हैं। एक साधारण व्यक्ति एक फोन को दो से तीन साल चलाता है पर गज़ब है की केजरीवाल एवं सिसोदिया हर दिन के हिसाब से फोन बदलते हैं और दोनों मान रहे हैं की बहुत फोन बदले हैं।
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