देश में पहली बार मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लिए होगी रजिस्ट्री, जानिए इसके बारे में
आईसीएमआर ने मल्टीपल स्केलेरोसिस, संबद्ध डिमाइलेटिंग विकारों का राष्ट्रीय लेखागार स्थापित किया।मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की नसों को प्रभावित करने वाली बीमारी होती है, जिसमें रोग प्रतिरोधी प्रणाली नसों के सुरक्षा कवच को नष्ट कर देती है।
नयी दिल्ली।भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ‘मल्टीपल स्केलेरोसिस’ और इससे जुड़े डिमाइलेटिंग विकारों का राष्ट्रीय लेखागार स्थापित किया है। एक आधिकारिक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी गई। मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की नसों को प्रभावित करने वाली बीमारी होती है, जिसमें रोग प्रतिरोधी प्रणाली नसों के सुरक्षा कवच को नष्ट कर देती है।
इसे भी पढ़ें: Supermoon 2022: 13 जुलाई को दिखेगा साल का सबसे बड़ा सुपरमून, जानें कब और कैसे देख सकेंगे
शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान ने एक बयान में कहा कि यह एमएस और संबद्ध डिमाइलेटिंग विकारों का पहला भारतीय, राष्ट्रव्यापी और इस बीमारी को समर्पित डेटाबेस नेटवर्क है। इसके तहत डेटा संग्रह, भंडारण, विश्लेषण, प्रबंधन और परिणामों के लिए एक संगठित प्रणाली तैयार की जाएगी। बयान में कहा गया है कि ‘इंडियन मल्टीपल स्केलेरोसिस एंड एलाइड डिमाइलेटिंग डिसऑर्डर रजिस्ट्री एंड रिसर्च नेटवर्क‘ (आईएमएसआरएन) अक्टूबर 2021 में शुरू किया गया था। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली इसका राष्ट्रीय समन्वय केंद्र है और देश भर में इसके 24 प्रतिभागी केंद्र हैं।
अन्य न्यूज़