ICMR ने संसद में पेश की रिपोर्ट, कोरोना वैक्सीन लगवाने से नहीं हुई कोई मौत, ये थे कारण

covid vaccine
प्रतिरूप फोटो
ANI
रितिका कमठान । Dec 11 2024 10:22AM

आईसीएमआर ने इस स्टडी के लिए 18 से 45 वर्ष के लोगों पर रिसर्च की है। ये सभी लोग स्वास्थ्य थे और बीमार नहीं थे। ये रिसर्च देश के 19 राज्यों में ली गई है। अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि वैक्सीनेशन से ऐसी मृत्यु की संभावना कम हो जाती है।

भारत में कोरोना वैक्सीन से कोई मौत नहीं हुई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने ये जानकारी संसद में दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा में ये जानकारी दी है। नड्डा ने आईसीएमआर की एक स्टडी रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि भारत में युवाओं और वयस्कों की मौत का खतरा अचानक कोविड वैक्सीन लगवाने से नहीं बढ़ा है। भारत में निर्मित करना वैक्सीन से ऐसी मौतों की संभावना कम होती है। गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों से कहा जा रहा था कि भारत में युवाओं और वयस्कों की असामयिक मौतें कोरोना वैक्सीनेशन के कारण हो रही थी, जिसे आईसीएमआर ने अपनी रिपोर्ट के जरिए गलत बताया है।

 

सैंपल लिए 19 राज्यों से

आईसीएमआर ने इस स्टडी के लिए 18 से 45 वर्ष के लोगों पर रिसर्च की है। ये सभी लोग स्वास्थ्य थे और बीमार नहीं थे। ये रिसर्च देश के 19 राज्यों में ली गई है। अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि वैक्सीनेशन से ऐसी मृत्यु की संभावना कम हो जाती है। गौरतलब है कि अचानक हृदयाघात से पीड़ित युवा वयस्कों की मृत्यु की रिपोर्ट में वृद्धि हुई है। बढ़ती संख्या ने चिंता जताई कि वे कोविड-19 या बीमारी के खिलाफ टीकाकरण से संबंधित हो सकते हैं, जिसने शोधकर्ताओं को आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी द्वारा संयुक्त रूप से किए गए अध्ययन को करने के लिए प्रेरित किया।

 

टीकाकरण के बाद निगरानी प्रणाली स्थापित की गई

राज्य सभा में बोलते हुए नड्डा ने आश्वासन दिया कि टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं (एईएफआई) की निगरानी के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित की गई है, ताकि टीके से संबंधित दुष्प्रभावों पर नजर रखी जा सके। उन्होंने समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप के उपायों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक टीका प्राप्तकर्ताओं की अनिवार्य निगरानी और टीकाकरण स्थलों पर एनाफिलैक्सिस किट की उपलब्धता शामिल है। नड्डा ने कहा कि एईएफआई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, राज्यों को वैक्सीन से संबंधित प्रतिकूल घटनाओं की रिपोर्टिंग बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और सूचना सामग्री को कई भाषाओं में साझा किया जा रहा है। नड्डा ने संसद को यह भी बताया कि यह अध्ययन कोविड-19 टीकाकरण की सुरक्षा के संबंध में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि और स्पष्टता प्रदान करता है तथा इसे अस्पष्टीकृत अचानक मौतों से जोड़ने वाली गलत धारणाओं का खंडन करता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़