विजयादशमी पर ही मिले थे राफेल विमान, अब LCH मिलने से भारतीय वायुसेना की शक्ति में हुआ महाइजाफा

Light Combat Helicopters
ANI

हल्के लड़ाकू विमानों के आ जाने से वायुसेना की ताकत में और वृद्धि होगी क्योंकि यह कई तरह की मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है। 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है।

दुश्मन खेमे में खलबली मचाने आ गया है भारत का स्वदेश में विकसित हल्का लड़ाकू हेलिकाप्टर। यह हेलिकाप्टर समंदर से रेगिस्तान तक दुश्मनों का हौसला पस्त कर देगा। साल 2019 में विजयादशमी पर जिस तरह भारतीय वायुसेना को राफेल विमान मिले थे और उसकी ताकत में महाइजाफा हुआ था ठीक उसी तरह इस साल भी विजयादशमी से पहले भारतीय वायुसेना के बेड़े में देश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों (एलसीएच) को औपचारिक रूप से शामिल किया गया है। इस अवसर पर जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। रक्षा मंत्री ने देश को चीते जैसी फुर्ती वाले हेलिकाप्टरों को वायुसेना में शामिल कर बड़ी सौगात दी। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी तथा वायुसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इससे पहले जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया जिस दौरान सभी धर्मों के गुरुओं ने अपने अपने रिवाजों से हेलकाप्टरों की पूजा की। हेलिकाप्टरों को भारतीय वायुसेना में शामिल किये जाने के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष इनके कौशल का प्रदर्शन भी किया गया। आइये देखते हैं यह भव्य और दिव्य दृश्य।

हम आपको बता दें कि हल्के लड़ाकू विमानों के आ जाने से वायुसेना की ताकत में और वृद्धि होगी क्योंकि यह बहुपयोगी हेलीकॉप्टर कई तरह की मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है। 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है। एलसीएच और ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव में कई समानताएं हैं। इसमें कई विशेषताएं हैं जिनमें ‘स्टील्थ’ (रडार से बचने की) खूबी के साथ ही बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली से लैस और रात को हमला करने व आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता शामिल हैं। यह अमेरिकी अपाचे से भी हल्का हेलिकाप्टर है इसे खासतौर पर ऊँचाई वाले इलाकों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध को देखते हुए भारतीय वायुसेना को इन हेलिकाप्टरों के माध्यम से नई शक्ति मिलना अपने आप में बड़ी बात है।

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हम आपको बता दें कि एलसीएच को सार्वजनिक उपक्रम ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) ने विकसित किया है और इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने स्वदेश में विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए मंजूरी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे।

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