गिलहरी के शरीर पर कैसे उभरी धारियां, Ramayan और प्रभु श्रीराम से जुड़ा है किस्सा, Ayodhya में भी दिखेगी मूर्ति
इसी कड़ी में माता सीता को रावण के चंगुल से बचाने के लिए जब समुद्र में सेतु निर्माण का काम किया जा रहा था तो इसमें सबसे अहम भूमिका वानरों की थी। हमेशा वानरों को ही इस कार्य का श्रेय दिया जाता है।
अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर तैयार हो गया है। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को धूमधाम से की जानी है। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के गर्भगृह में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई तैयारियां की गई है। भगवान राम की नगरी में उन किरदारों को भी अहमियत दी गई है, जिन्हें शायद आम जनता भूल गई है।
इसी कड़ी में माता सीता को रावण के चंगुल से बचाने के लिए जब समुद्र में सेतु निर्माण का काम किया जा रहा था तो इसमें सबसे अहम भूमिका वानरों की थी। हमेशा वानरों को ही इस कार्य का श्रेय दिया जाता है। मगर एक किरदार ऐसा भी था जिसके छोटे छोटे प्रयासों की बदौलत ही राम सेतु निर्माण सफल हो सका है। इसी किरदार को योगी सरकार ने भी खास सम्मान दिया है।
ये है कहानी
दरअसल राम सेतु निर्माण के दौरान वानर बड़े बड़े पत्थरों पर भगवान श्रीराम लिखकर पानी में डाल रहे थे। ये सभी पत्थर पानी में तैरने लगे थे। पुल बनाने के लिए तेजी से वानरों ने पत्थरों को पानी में डालना शुरू किया। इसी बीच एक गिलहरी भी थी जो पत्थर उठाने में भले ही असमर्थ थी मगर वो कंकड़ों को उठाकर समुद्र में लगातार डाल रही थी। वानरों ने जब गिलहरी को कंकड़ समुद्र में फेंकते देखा तो उसका मजाक उड़ाया और गिलहरी को समुद्र से दूर रहने की हिदायत दी। गिलहरी अपना मजाक बनता देख आहत हुई और भगवान राम के पास पहुंचकर वानरों की शिकायत की। इसी बीच प्रभु श्रीराम राम सेतु को देखकर वानरों को बताते हैं कि अगर गिलहरी उन कंकड़ों को पानी में ना डालती तो उनके द्वारा समुद्र में फेंके गए पत्थर पानी में बिखर गए होते। गिलहरी द्वारा डाले गए कंकड़ों के कारण ही पत्थर आपस में जुड़े हुए है। पुल बनाने में वानरों की तरह की गिलहरी का योगदान भी बेहद अमूल्य है।
भगवान राम ने गिलहरी के योगदान को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कमजोर और छोटे का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। आपकी ताकत या आप क्या करते हैं यह महत्वपूर्ण नहीं है। जो मायने रखता है वो है आपका प्यार। भगवान राम ने छोटी सी गिलहरी के दिल में उत्पन्न प्यार को बेहद अहम बताया था। इस बातचीत के बीच में ही भगवान राम ने गिलहरी को अपने हाथ में उठाया था और उसकी पीठ पर हाथ फेरा था, जिससे उसकी पीठ पर तीन लकीरें उभर गई थी। कहा जाता है कि गिलहरी के शरीर पर ये लकीरें भगवान राम के स्नेह और आशीर्वाद का प्रतीक है।
अब योगी सरकार ने किया सम्मान
बता दें कि माता सीता को रावण से बचाने के लिए अपने प्राण गंवाने वाले जटायु को भी राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित किया गया है। जटायू के नाम पर एक प्रवेश द्वार भी बनाया गया है। इसी बीच योगी सरकार ने इस गिलहरी को भी सम्मान दिया है। जानकारी के मुताबिक गिलहरी की प्रतिमा को अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर स्थापित किया गया है।
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