WhatsApp accounts Blocked| गृह मंत्रालय ने साइबर धोखाधड़ी पर नकेल कसी, 17,000 से अधिक WhatsApp accounts ब्लॉक किए

whatsapp
प्रतिरूप फोटो
ANI Image
रितिका कमठान । Nov 21 2024 1:06PM

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी पर नकेल कसने के उद्देश्य से देश में जारी 17,000 से अधिक व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है। ये सभी अकाउंट कथित तौर पर साइबर घोटाले से जुड़े हुए थे।

देश में सुरक्षा बनाए रखने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय समय समय पर कई सख्त कदम उठाता रहा है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक और कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी पर नकेल कसने के उद्देश्य से देश में जारी 17,000 से अधिक व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है। ये सभी अकाउंट कथित तौर पर साइबर घोटाले से जुड़े हुए थे। मूल रूप से ये अकाउंट कंबोडिया, म्यांमार, लाओस और थाईलैंड जैसे देशों से जुड़े हुए थे। बता दें कि यहां धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए है।

सूत्रों की मानें तो इनमें से अधिकतर अकाउंट कंबोडिया, म्यांमार, लाओस और थाईलैंड जैसे देशों में थे। यहां कथित तौर पर उनका इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था। गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने ये कार्रवाई की है। ये एक्शन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से पीड़ितों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के आधार पर हुआ है। गृह मंत्रालय ने शिकायतें मिलने के बाद इसकी समीक्षा की है। जांच के बाद संदिग्ध खातों की पहचान की गई है। गृह मंत्रालय ने व्हाट्सएप को इन संदिग्ध नंबरों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक धोखेबाज ज्यादातर कंबोडिया में चीनी कैसीनो में स्थित कॉल सेंटरों से काम करते हैं। जांच में यह भी पता चला है कि किस तरह मानव तस्कर भारतीय नागरिकों को नौकरी का झांसा देकर कंबोडिया ले आते हैं और फिर उन्हें ऑनलाइन वित्तीय घोटाले और साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया जाता है।

इन घोटालों में इस्तेमाल की जाने वाली प्राथमिक रणनीतियों में से एक 'डिजिटल गिरफ्तारी' धोखाधड़ी है। घोटालेबाज पीड़ितों को डराने के लिए सीबीआई एजेंट, आयकर अधिकारी या सीमा शुल्क एजेंट जैसे कानून प्रवर्तन अधिकारियों का रूप धारण करते हैं। अवैध गतिविधियों के मनगढ़ंत आरोपों की आड़ में, वे व्यक्तियों पर बड़ी रकम ट्रांसफर करने का दबाव बनाते हैं। इस धोखाधड़ी का पैमाना चौंका देने वाला है। बताया जाता है कि घोटालेबाज ऐसी योजनाओं के जरिए रोजाना करीब 6 करोड़ रुपये उड़ा लेते हैं। इस साल के पहले दस महीनों में ही इन धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधियों से 2,140 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। साइबर विंग ने अक्टूबर तक डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी से जुड़े 92,334 मामले दर्ज किए हैं। बढ़ते खतरे को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में एक सार्वजनिक चेतावनी जारी की, जिसमें नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन पर देने का आग्रह किया गया।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़