'राष्ट्र विरोधी कंटेंट' पर लगाम लगाने के लिए सरकार का नया अभियान, ऐसे बन सकते हैं वॉलंटियर
गृह मंत्रालय सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा में इसकी शुरुआत करेगी और फिर वहां के आंकड़ों का विश्लेषण कर सरकार आगे की योजना तैयार करेगी।
नयी दिल्ली। इंटरनेट जगत में लगातार तेजी से बढ़ रही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार एक नया अभियान शुरू करने जा रही है। जिसके माध्यम से नागरिक इंटरनेट जगत में चल रही 'राष्ट्र विरोधी गतिविधियों' को पहचानकर इसकी जानकारी सरकार तक पहुंचाएंगे। इसमें चाइल्ड पॉर्नोग्राफी, रेप, आतंकवाद और राष्ट्र विरोधी गतिविधियां शामिल हैं।
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जम्मू-कश्मीर से होगी शुरुआत !
अंग्रेजी समाचार पत्र 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा में इसकी शुरुआत करेगी और फिर वहां के आंकड़ों का विश्लेषण कर सरकार आगे की योजना तैयार करेगी।
इस कार्यक्रम के तहत गृह मंत्रालय (MHA) के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (14C) को एक नोडल पॉइंट के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। नागरिक अपने राज्य या फिर केंद्र शासित प्रदेश में खुद को वॉलंटियर के तौर पर पंजीकृत करा सकते हैं। इसके लिए बस आपको अपना नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी देनी होगी।
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रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के पास अभी इस तरह का कोई भी स्पष्ट कानूनी ढांचा नहीं है जो राष्ट्र विरोधी कंटेंट को लेकर किसी पर लगाम लगा सके। हालांकि, इस तरह के मामलों के लिए सरकार यूएपीए (UAPA) का इस्तेमाल करती है। इसके तहत राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल व्यक्ति को हिरासत में लिया जाता है और फिर उसे जेल भेज दिया जाता है।
आखिर क्यों शुरू हो रहा है अभियान ?
रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' के ईमेल का जवाब नहीं दिया है। अंग्रेजी समाचार पत्र ने गृह मंत्रालय से पूछा था कि आखिर सरकार ने इस तरह के अभियान को क्यों शुरू किया ? इसके अलावा यह कैसे निर्धारित होगा कि कौन सा राष्ट्र विरोधी कंटेंट या फिर गतिविधि है ? और सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ फिर क्या कार्रवाई की जाएगी।
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वॉलंटियर्स को इन बातों का रखना होगा ध्यान
गृह मंत्रालय ने इस नए अभियान में शामिल होने वाले वॉलंटियर्स के लिए सख्त दिशा-निर्देश बनाए हैं। जिसके तहत इस अभियान का इस्तेमाल किसी भी कामर्शियल और सार्वजनिक फायदे के लिए नहीं कर सकते हैं। इतना ही नहीं वॉलंटियर्स किसी भी मंच पर गृह मंत्रालय के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। जिसका मतलब साफ है कि वॉलंटियर्स किसी भी मंच पर यह नहीं कह सकता है कि वह किसी भी तरह से गृह मंत्रालय से जुड़ा हुआ है।
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