Matrubhoomi: कैसे हुई IIT की स्थापना? यहां के छात्रों की क्यों होती है सबसे ज्यादा डिमांड
देश में आईआईटी की स्थापना सबसे पहले बंगाल के खड़गपुर से शुरू हुआ। आपको बता दें कि यहा आईआईटी का सबसे पहला कैम्प्स खोला गया। इसे हिजलीपुर जेल बिल्डिंग में खोला गया था। देश की आजादी के बाद उच्च शिक्षा वाले अच्छे कॉलेजों की जरूरत थी।
यह कहने की जरूरत नहीं है कि आईआईटी (IIT) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भारत के शीर्ष प्रमुख संस्थानों में से एक है। इस संस्थान में पढ़ने का लगभग 90 प्रतिशत छात्रों का सपना होता है लेकिन इसका एग्जाम इतना कठिन होता है कि केवल कुछ ही छात्र को सफलता हासिल हो पाती है। इस कारण से यहां के छात्रों की डिमांड नौकरियों में दूसरों संस्थानों से अधिक होती है। न केवल देश बल्कि विदेशों में भी इन छात्रों की डिमांड होती है और ऐसे कई है जो अमेरिका जैसे बड़े देशों में बड़े पद पर काम भी कर रहे हैं। लेकिन क्या आपको यह पता है कि आईआईटी की स्थापना किसने और कब की थी, बहुत कम लोग है जिन्हें इस संस्थान की स्थापना का पता है, तो आइये हम आपको बताते चले कि कैसे देश में आईआईटी की स्थापना हुई?
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देश में आईआईटी की स्थापना सबसे पहले बंगाल के खड़गपुर से शुरू हुआ। आपको बता दें कि यहा आईआईटी का सबसे पहला कैम्प्स खोला गया। इसे हिजलीपुर जेल बिल्डिंग में खोला गया था। देश की आजादी के बाद उच्च शिक्षा वाले अच्छे कॉलेजों की जरूरत थी। साल 1946 में सर जोगेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया लेकिन कुछ दिक्कत आने के कारण नलिनी रंजन के नेतृत्व में भारत सरकार ने एक नई कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने सिफारिश की कि भारत के इस संस्थान को चार अलग-अलग भागों में बांटा जाए और इसमें चार प्रौद्योगिकी संस्थानों की स्थापना की जाए। कमेटी ने आगे कहा कि जो भी संस्थान बनेंगे वह मैसाचुसेट्स की तकनीकी संस्था (Massachusetts Institute of Technology) या एमआईटी को अपना आदर्श मानेगें और इसी के आधार पर इन संस्थानों का गठन किया जाए।
तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नॉलाजी की तर्ज पर बंगाल के सीएम बीसी रॉय के सहमति के साथ इसकी नींव 1950 को बंगाल के खड़गपुर में रखी और एक साल बाद इसकी शुरूआत की गई। संसद मेंआईआईटी खड़गपुर एक्ट को पास किया गया और मुहर लगा दी गई। 1956 में सबसे पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया जिसमें तत्कालीन पीएम नेहरू भी शामिल थे और उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि ये शिक्षा का संस्थान भारत का भविष्य बनेगा।
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आईआईटी खड़गपुर के बाद 1958 में मुंबई, 1959 में मद्रास औऱ कानपुर आईआईटी कैंपस खोले गए। फिर 1961 में दिल्ली में कैंपस बनाया गया। इस समय भारत में आईआईटी की संख्या 23 हो चुकी है जिसमें खड़गपुर का कैंपस 2100 एकड़ में फैला है और सभी कैंपस में से खड़गपुर सबसे बड़ा कैम्प्स है। देशभर से छात्र-छात्राएं आईआईटी में एडमिशन के लिए अप्लाई करते है। इसके लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) का एक एंटरेंस एग्जाम देना होता है। इसमें वहीं छात्र एग्जाम दे सकते है जिनके पास गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान विषय हो और 12वीं की परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक हासिल किया हो। 12वीं पास करने के एक साल बाद तक छात्र इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
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