Kerala में बोले हिमंत बिस्वा सरमा, कांग्रेस अपने घोषणापत्र से भारत में नहीं, पाकिस्तान में जीत सकती है चुनाव
हिमंता ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसा घोषणा पत्र बनाया है जो आम जनता से संसाधन छीन लेगा और कांग्रेस देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगी। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस के घोषणापत्र की सबसे सही तरीके से व्याख्या की है। मैं उन्हें सार्वजनिक बहस के लिए आकर यह दिखाने की चुनौती दूंगा कि यह घोषणापत्र तुष्टिकरण के अलावा कुछ नहीं है।
असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने तीखे व्यंग्य में कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का पार्टी घोषणापत्र पाकिस्तान में चुनाव के लिए है। सरमा ने सोमवार को केरल के एर्नाकुलम में कहा कि कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र इस तरह से तैयार किया गया है कि वे पाकिस्तान में चुनाव जीतें। घोषणापत्र पाकिस्तान के लोगों के लिए ज्यादा और भारत के लोगों के लिए कम है। कांग्रेस और राहुल गांधी के सबसे कटु आलोचकों में से एक, हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि पार्टी ने वादा किया है कि वह "तुष्टिकरण" के लिए जनता से संसाधन छीन लेगी।
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हिमंता ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसा घोषणा पत्र बनाया है जो आम जनता से संसाधन छीन लेगा और कांग्रेस देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगी। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस के घोषणापत्र की सबसे सही तरीके से व्याख्या की है। मैं उन्हें सार्वजनिक बहस के लिए आकर यह दिखाने की चुनौती दूंगा कि यह घोषणापत्र तुष्टिकरण के अलावा कुछ नहीं है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस जनता की मेहनत की कमाई मुसलमानों को देगी।
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मोदी ने क्या कहा
कांग्रेस पर वार करते हुए मोदी ने कहा कि ये 'शहरी नक्सली' मानसिकता, माताओं और बहनों, ये आपका 'मंगलसूत्र' भी नहीं छोड़ेंगे। वे उस स्तर तक जा सकते हैं। कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि वे माताओं और बहनों के साथ सोने का हिसाब करेंगे, उसके बारे में जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति का वितरण करेंगे। किसको बांटेंगे - मनमोहन सिंह सरकार ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। पहले जब उनकी (कांग्रेस) सरकार सत्ता में थी तो उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब यह है कि इसका वितरण उन लोगों में किया जाएगा जिनके अधिक बच्चे हैं। इसे घुसपैठियों को बांटा जाएगा। क्या आपकी मेहनत की कमाई घुसपैठियों के पास चली जानी चाहिए? क्या आप इसे स्वीकार करते हैं?
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