मान से मिले Himachal के मुख्यमंत्री सुक्खू, जल उपकर के मुद्दे पर दी सफाई

Sukhu met Maan
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हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि जल विद्युत उत्पादन अधिनियम 2023 पर हिमाचल प्रदेश जल उपकर के तहत लगाया गया उपकर अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम 1956 का उल्लंघन है और दोनों राज्यों की विधानसभाओं ने भी इस कदम की निंदा करते हुए इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया था।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को स्पष्ट किया कि जल उपकर केवल उनके राज्य में स्थित जलविद्युत संयंत्रों पर ही लगाया जाएगा और यह पंजाब में लागू नहीं होगा। पंजाब सरकार की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गयी है। हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि जल विद्युत उत्पादन अधिनियम 2023 पर हिमाचल प्रदेश जल उपकर के तहत लगाया गया उपकर अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम 1956 का उल्लंघन है और दोनों राज्यों की विधानसभाओं ने भी इस कदम की निंदा करते हुए इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया था।

बयान में कहा गया है कि सुक्खू से मुलाकात के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने जल उपकर के मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश के कदम पर चिंता जताई। इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जल उपकर केवल उनके अपने राज्य में जल विद्युत संयंत्रों पर लगाया जाएगा और यह पंजाब में लागू नहीं होगा।’’ दूसरी ओर, सुक्खू ने स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने जो कानून लागू किया है उससे किसी भी अंतर्राज्यीय संधि का उल्लंघन नहीं होता है। सुक्खू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि संवादहीनता के कारण जल उपकर को लेकर कुछ गलतफहमियां हो गयी है, जिन्हें उन्होंने मान के साथ हुई बैठक के दौरान स्पष्ट कर दिया है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने अब तक इस उप कर के तौर तरीकों पर काम नहीं किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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