उच्च न्यायालय ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा संबंधित बैठक का दो वर्ष का ब्योरा तलब किया
न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने वर्ष 2020 में गोमती रिवर बैंक निवासियों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है जिसमें शहर के आवासीय क्षेत्रों में चल रहे स्कूलों का मुद्दा विशेष रूप से उठाया गया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को स्कूली बच्चों की सुरक्षा से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि उच्चतम न्यायालयद्वारा वर्ष 2009 में दिए गए दिशा-निर्देशों के बावजूद पिछले 14 वर्षों से प्रदेश के स्कूलों का निरीक्षण नहीं किया गया है।
पीठ ने इस पर नाराजगी जताते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की पिछले दो वर्षों की बैठक का ब्योरा तलब किया है। अदालत ने कहा कि अगर हमें लगता है कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद आपदा प्राधिकरण ने इस संबंध में कुछ नहीं किया है तो उचित आदेश पारित किया जाएगा।
मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने वर्ष 2020 में गोमती रिवर बैंक निवासियों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है जिसमें शहर के आवासीय क्षेत्रों में चल रहे स्कूलों का मुद्दा विशेष रूप से उठाया गया है।
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