उनकी अंग्रेजी अच्छी होगी, लेकिन काम अच्छे नहीं हैं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की राज्यसभा में खड़गे ने ली चुटकी
राज्यसभा में बोलते हुए खड़गे ने कहा कि सीतारमण एक 'आर्थिक विशेषज्ञ' हो सकती हैं, लेकिन उनके काम अच्छे नहीं हैं। खरगे ने मजाकिया लहजे में कहा कि मुझे उन्हें बताना होगा कि मुझे पढ़ना भी आता है। मैंने नगर पालिका स्कूल में पढ़ाई की है। वह (निर्मला सीतारमण) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ी हैं। यह निश्चित है कि उनकी अंग्रेजी अच्छी होगी, उनकी हिंदी अच्छी होगी, लेकिन उनकी कर्म अच्छे नहीं हैं।
राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमारी बहादूर नेता इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर और बांग्लादेश को आजाद कराया... इस देश की शान पूरी दुनिया में फैली... वहां (बांग्लादेश में) जो गड़बड़ी चल रही है, कम से कम इन (बीजेपी) लोगों को अपनी आंखें खोलनी चाहिए और वहां के अल्पसंख्यकों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए। संविधान पर बहस के दौरान पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू पर हमले को लेकर निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने रेखांकित किया कि केंद्रीय मंत्री ने खुद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से स्नातक किया है।
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राज्यसभा में बोलते हुए खड़गे ने कहा कि सीतारमण एक 'आर्थिक विशेषज्ञ' हो सकती हैं, लेकिन उनके काम अच्छे नहीं हैं। खरगे ने मजाकिया लहजे में कहा कि मुझे उन्हें बताना होगा कि मुझे पढ़ना भी आता है। मैंने नगर पालिका स्कूल में पढ़ाई की है। वह (निर्मला सीतारमण) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ी हैं। यह निश्चित है कि उनकी अंग्रेजी अच्छी होगी, उनकी हिंदी अच्छी होगी, लेकिन उनकी कर्म अच्छे नहीं हैं।
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वित्त मंत्री द्वारा नेहरू पर 1951 में संविधान में संशोधन करके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाने के बाद खड़गे ने सीतारमण पर पलटवार किया। भाजपा पर गांधी परिवार को गाली देने का आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा कि 'जो लोग तिरंगे, अशोक चक्र और संविधान से नफरत करते थे'' वे आज संविधान का पाठ पढ़ा रहे हैं। । वे लोग जो राष्ट्रीय ध्वज से नफरत करते हैं, जो हमारे 'अशोक चक्र' से नफरत करते हैं, जो संविधान से नफरत करते हैं... ऐसे लोग हमें सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। जब संविधान बना तो इन लोगों ने उसे जला दिया. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, जिस दिन संविधान अपनाया गया था, उन्होंने (दिल्ली में) रामलीला मैदान में बाबा साहेब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी के पुतले जलाए थे।
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