Parliament Winter Session: कुर्सी बचाने के लिए कानून में संशोधन करना ही कांग्रेस का चेहरा, राज्यसभा में निर्मला सीतारमण ने साधा निशाना
वित्त मंत्री सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस परिवार और वंशवाद की मदद के लिए संविधान में संशोधन करती रही। सीतारमण ने राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने संविधाान में जो संशोधन किए वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संविधान के 75 साल पूरे होने पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत का संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है। वित्त मंत्री ने संविधान की 75 साल की यात्रा को उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि संविधान में समय समय पर संशोधन हुए, संविधान ने संकट का दौर भी देखा। वित्त मंत्री सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस परिवार और वंशवाद की मदद के लिए संविधान में संशोधन करती रही। सीतारमण ने राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने संविधाान में जो संशोधन किए वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान कहा, कांग्रेस एक परिवार, एक वंश की मदद के लिए बेशर्मी से संविधान में संशोधन करती रही। इस देश के पहले प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की प्रेस जांच की निंदा की, जबकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से प्रेस की स्वतंत्रता की प्रशंसा की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल में डाल दिया गया था। 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता पढ़ी जो जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई थी और इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा। उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और उन्हें जेल में डाल दिया गया।
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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं है। 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई एक राजनीतिक जीवनी "नेहरू" पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने "किस्सा कुर्सी का" नामक फिल्म पर भी सिर्फ इसलिए प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाया गया था।
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