कर्ण कायस्थ महासभा के द्विदिवसीय 'कर्णकुम्भ-तृतीय' का समापन

Karna Kayastha Mahasabha
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कर्णकुंभ में बिहार सरकार से बापू मंडप में दांडी यात्री कारोबाबू तथा मैथिली दधीचि भोलालाल दास की प्रतिमाएं लगाने को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ। कर्ण कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएमएल दास ने यह प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा एवं राष्ट्रीय महासचिव आशीष नीरज ने किया।

नई दिल्ली। कर्ण कायस्थ समाज परंपरा एवं आधुनिकता में समन्वय करते हुए स्वयं को समर्थ बनाते हुए राष्ट्र को सशक्त बनाए, इस आह्वान के साथ कर्णकुंभ-तृतीय का रविवार को समापन हो गया। इस द्विदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में किया गया था।

दूसरे दिन के प्रथम सत्र का विषय था— कला क्षेत्र एवं कर्ण कायस्थ। इस सत्र की अध्यक्षता इतिहासकार भैरब लाल दास ने की एवं संचालन बिभा लाल ने किया। वक्ता थे— चित्रकार रवीन्द्र दास, लेखिका चंदना दत्त, तकनीकी विशेषज्ञ विजय बाबू एवं संपादक मुकेश दत्त। दूसरे सत्र का विषय था— प्रवासी कर्ण कायस्थ : समस्या एवं समाधान। इस सत्र की अध्यक्षता कुमार कनक किशोर ने की एवं संचालन केके कर्ण ने किया। वक्ता थे— शिवभूषण लाल, जीवेन्दु प्रसाद कर्ण, मदन चौधरी एवं अमर कुमार दास। तीसरे सत्र में कोहबर पर केंद्रित मिथिला चित्रकला के बारे में निभा लाभ एवं अलका दास ने अपने विचार रखे। 

कर्णकुंभ में बिहार सरकार से बापू मंडप में दांडी यात्री कारोबाबू तथा मैथिली दधीचि भोलालाल दास की प्रतिमाएं लगाने को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ। कर्ण कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएमएल दास ने यह प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा एवं राष्ट्रीय महासचिव आशीष नीरज ने किया।

इस कार्यक्रम में कर्ण कायस्थ समाज के आधारस्तंभ गोपेश्वर लाल दास (राजनीति), अश्विनी कुमार दास (समाजसेवा), ध्रुव नारायण लाल (शिक्षा), मिथिला चौधरी (राजनीति) एवं शम्भू सौरभ (गीतकार) को कर्णश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, राजीव रंजन दास (चिकित्सा), संजय लाभ (चिकित्सा), प्रबुद्ध सौरभ (साहित्य), प्रकाश चंद्रा (शिपिंग), नवीन चंद्रा (माइनिंग), राजीव कुमार कंठ (शिक्षा), मनीष रित्विक (सॉफ्टवेयर), संतोष कुमार कर्ण (फिजिक्स), ज्योति सिन्हा (मिथिला चित्रकला)  एवं आशा दास (क्रिकेट कोच) को कर्ण अचीवर सम्मान से सम्मानित किया गया।

साहित्यिक सत्र में केकेएम के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आनंद दास के संयोजन में युवा कवि प्रबुद्ध सौरभ ने काव्य पाठ कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक सत्र में केकेएम की राष्ट्रीय सचिव इरा मल्लिक के संयोजन में विभिन्न मांगलिक अवसरों पर गाए जाने वाले मैथिली पारंपरिक गीतों की सामूहिक प्रस्तुति हुई। रंजीत लाल एवं हिमांशु कर्ण के संचालन एवं विशाखा प्रसून के संयोजन में मिथिला चित्रकला से सज्जित परिधान पहनकर महिलाओं ने रैम्पवाक कर समा बांध दिया। कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष विकास लाल के संयोजन में बॉलीवुड गायिका स्तुति सिन्हा ने मैथिली एवं हिंदी में गीत गाकर श्रोताओं को आनंदित कर दिया। केकेएम दिल्ली प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष अनिल दास ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

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