Yasin Malik death penalty hearing: मिलेगी फांसी की सजा? दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई जारी
जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक के खिलाफ विशिष्ट आरोपों पर दिल्ली हाई कोर्ट के सवाल का जवाब देने के लिए एनआई को संघर्ष करना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीरी अलगाववादी यासीन मलिक के लिए मौत की सजा का अनुरोध करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की है। यह कदम एनआईए द्वारा मलिक के लिए मौत की सजा को सुरक्षित करने के पिछले प्रयास के बाद आया है, जिसे शुरू में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। एनआईए की याचिका पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ आज सुनवाई कर रही है।
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जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक के खिलाफ विशिष्ट आरोपों पर दिल्ली हाई कोर्ट के सवाल का जवाब देने के लिए एनआई को संघर्ष करना पड़ रहा है। एनआईए मलिक के लिए मौत की सजा की मांग कर रही है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को जवाब देने के लिए मामले को दोपहर 12:15 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
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एनआईए ने अपनी तरफ से क्या तर्क दिए हैं
मलिक चार एलएएफ कर्मियों की हत्या और रुबैया सईद के अपहरण के लिए जिम्मेदार है।
एनआईए के अनुसार, अपहरण की वजह से 4 खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा, इन्होंने ही 26/11 हमले का मास्टरमाइंड बना।
दुर्लभ से दुर्लभतम मामला मृत्युदंड के योग्य है।
धारा 121 के तहत भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने पर मौत की सजा का भी प्रावधान है।
मलिक के खिलाफ आरोपों का कहना है कि उपरोक्त आरोपों का ट्रायल कोर्ट के आदेश में उल्लेख नहीं किया गया है।
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