Haryana सरकार हड़ताली लिपिकों के लिए ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ नियम लायी
मूल वेतन में संशोधन की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे लिपिकों के लिए ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ सिद्धांत लागू करने का बृहस्पतिवार को फैसला किया।
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने अपने मूल वेतन में संशोधन की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे लिपिकों के लिए ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ सिद्धांत लागू करने का बृहस्पतिवार को फैसला किया। वित्त विभाग के अवर मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश के अनुसार हड़ताल से आम लोगों को असुविधा हो रही है। उसमें कहा गया है, ‘‘ उस हिसाब से, सरकार ने फैसला किया है कि ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ सिद्धांत लागू होगा तथा ऐसे कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं जारी की जाएगी जो हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं और तब तक उन्हें वेतन नहीं मिलेगा जब तक वे हड़ताल पर रहेंगे।’’
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विभिन्न विभागों के करीब 15,000 लिपिक अपने मूल वेतन को 19,900 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 35,400 रुपये प्रतिमाह करने की मांग को लेकर तीन सप्ताह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं। सरकारी एवं लिपिक प्रतिनिधियों के बीच दो दौर की वार्ता समाधान तक पहुंचने में विफल रही है।
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