मेरे साथ एक नहीं बल्कि 7 युवकों ने किया बलात्कार, 9वीं क्लास की पीड़िता ने सुनाई अपनी आपबीती
7 युवक ने रिश्तेदार की पिटाई कर लड़की को यहां पर बुलवाया। पीड़िता ने बताया कि, जैसे ही में वहां पहुंची सभी युवकों ने मेरी भी पिटाई करना शुरू कर दिया और फिर जबरन मेरे साथ सबने एक एक करके बलात्कार किया। लड़की को साथ ही धमकी भी दी की किसी को बताया तो जान से मार दिया जाएगा।
झारखंड के डुमरी थाना क्षेत्र से दुष्कर्म की एक घटना सामने आई है। डुमरी के कोकावल ग्राम में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है जहां 16 साल की एक लड़की के साथ एक नहीं बल्कि सात युवकों ने बलात्कार किया। बता दें कि, पीड़िता 9वीं कक्षा की छात्र है और कस्तूरबा विद्यालय डुमरी में पढ़ाई करती है। लड़की के माता-पिता तमिलनाडु में काम करते हैं। स्कूल बंद होने के कारण लड़की अपने बड़े पिताजी के घर पर कोकावल गई हुई थी जहां उसके साथ गांव में सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया।
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पीड़िता ने सुनाई आपबीती
पीड़िता के अनुसार, 17 जनवरी को वह अपनी सहेली और रिश्तेदार को साथ सुगा बांध घूमने गई थी। रिश्तेदार ने शाम को घूमने के बाद लड़की को उसके बड़े पिताजी के घर पर छोड़ दिया। इसके बाद लड़की को उसके मोबाइल फोन पर एक अंजान नंबर से फोन आया। यह फोन घर पहुंचाने वाले रिश्तेदार युवक के माध्यम से फोन किया गया था और लड़की को फोन पर बोला गया कि उसकी बाइक खराब हो गई है तुम यहां आओ। रिश्तेदार की परेशानी समझते हुए लड़की उसके पास चली गई। इस दौरान उसे पता चला कि 7 युवक ने रिश्तेदार की पिटाई कर लड़की को यहां पर बुलवाया। पीड़िता ने बताया कि, जैसे ही में वहां पहुंची सभी युवकों ने मेरी भी पिटाई करना शुरू कर दिया और फिर जबरन मेरे साथ सबने एक एक करके बलात्कार किया। लड़की को साथ ही धमकी भी दी की किसी को बताया तो जान से मार दिया जाएगा।
पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार
डर में लड़की ने घर पर किसी को कुछ नहीं बताया लेकिन बाद में अपने साथी के माध्यम से बुधवार को सुबह डुमरी थाना को इसकी सूचना दिलवाई गई। सूचना पर पुलिस ने पीड़िता का बयान लिया और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में एसडीपीओ ने कहा नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला है जिस पर मामले की गहन जांच की जा रही है। जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इसी बीच भाजपा ने भी पीड़ित परिवार वालों से मुलाकात की और राज्य के मुख्यमंत्री से इस्तीफा की मांग करते हुए कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज्य में आदिवासी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
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