वो भरत जिसे खड़ाऊं खुद श्री राम ने सौंपी, कुछ इस तरह भूपेंद्र ने नरेंद्र के रिकॉर्ड को तोड़ा
भूपेंद्र पटेल की एक ख़ासियत यह भी है कि वे बेहद लो प्रोफ़ाइल वाली शख़्सियत रहे हैं और उनमें किसी तरह का कोई एरोगेंस भी नहीं रहा है। मोदी हर चुनाव में भूपेंद्र को नरेंद्र से ज्यादा बड़ी जीत दिलाने की बात कहते भी नजर आए।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जिन्हें उनके समर्थक दादा के नाम से पुकारते हैं। कहा जाता है कि जब वो किसी से मिलते हैं तो उनके चेहरे पर मुस्कान हमेशा रहती है। गुजरात की घाटलोडिया सीट से भूपेंद्र पटेल ने जीत दर्ज कर ली है। कांग्रेस के प्रत्याशी अमी याग्निक को हार का सामना करना पड़ा। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतकर भूपेंद्र पटेल पहली बार विधायक बने थे। 2021 में विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद आर्शचर्यजनक तौर पर राज्य की कमान सौंपी गई। 15 जुलाई 1962 को अहमदाबाद में जन्में भूपेंद्र भाई रजनीकांत पटेल एक गुजराती पाटीदार परिवार से ताल्लुक रखते हैं। भूपेंद्र पटेल ने 1982 में गर्वमेंट पॉलिटेक्निक अहमदाबाद से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था और पेशे से बिल्डर रहे हैं। लंबे समय से पटेल का जुड़ाव संघ से रहा है। वे मोदी, शाह और आनंदीबेन के नजदीकी माने जाते हैं।
बिल्डर से राजनेता
1999 से 2000 और 2004 से 2005 तक वे मेमनगर नगरपालिका के अध्यक्ष थे। 2010 से 2015 तक अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन रहे। 2015 से 2017 के दौरान अहमादाबद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन थे। इसके बाद भूपेंद्र पटेल के राजनीतिक जीवन में ट्विस्ट आया। गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं आनंदीबेन पटेल ने 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया। आनंदीबेन की सिफारिश पर ही घाटलोडिया से भूपेंद्र पटेल को टिकट दिया गया। 2017 में वो घाटलोडिया सीट से वो विधायक बने। भूपेंद्र पटेल ने कांग्रेस के शशिकांत पटेल को रिकॉर्ड 1 लाख 17 हजार मतों से हराया। 13 सितंबर 2021 को भूपेंद्र पटेल गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री बने।
घाटलोडिया सीट का समीकरण
घाटलोडिया विधानसभा सीट गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद में पड़ती है। ये थलतेज, नारनपुरा, मेमनगर और निर्णय नगर के प्रमुख इलाकों से घिरा है। घाटलोडिया की आबादी लगभग 3 लाख 74 हजार की बताई जाती है, जिसमें पटेल और रबारी बहुसंख्यक की भूमिका में हैं। घाटलोडिया विधानसभा सीट अमित शाह की संसदीय सीट में आता है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में शाह न ेकांग्रेस के सीजे चावड़ा को हराकर इस निर्वाचन क्षेत्र को 5 लाख 57 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था।
लो प्रोफ़ाइल वाली शख़्सियत
गुजरात बीजेपी के मुख्यालय कमलम में जब केंद्रीय नेतृत्व ने नए मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेंद्र पटेल के नाम की घोषणा की तो नरेंद्र मोदी की कार्यशैली को जानने वाले लोगों के लिए भी यह नाम अचरज में डालने वाला था। किन नरेंद्र मोदी ने अपनी कार्यशैली के मुताबिक ही उस आदमी को गुजरात की कमान सौंप दी है जिसके नाम का अनुमान कोई नहीं लगा पाया था और गुजरात से बाहर की दुनिया ने उनके बारे में पहले कभी नहीं सुना था। एक तरह से वो गुजरात के वो भरत बन गए जिसे खड़ाऊ खुद श्री राम ने सौंपा। जिसके बाद कोई इफ बट की गुंजाइश ही नहीं रह गई। भूपेंद्र पटेल की एक ख़ासियत यह भी है कि वे बेहद लो प्रोफ़ाइल वाली शख़्सियत रहे हैं और उनमें किसी तरह का कोई एरोगेंस भी नहीं रहा है। मोदी हर चुनाव में भूपेंद्र को नरेंद्र से ज्यादा बड़ी जीत दिलाने की बात कहते भी नजर आए।
मोदी ने बदल दी पूरी कैबिनेट
याद होगा ठीक एक बरस पहले सितंबर के महीने में एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिपरिषद में 24 नए सदस्यों को शामिल किया। इन नए मंत्रियों में 21 पहली बार मंत्री बने हैं। नए मंत्रिपरिषद में, निवर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के मंत्रिपरिषद के किसी सदस्य को शामिल नहीं किया गया है।
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