26 नवंबर या उससे पहले DUSU चुनाव का रिजल्ट घोषित करने की हरी झंडी, MCD ने हाईकोर्ट में कही थी ये बात
मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि यह केवल तभी आगे बढ़ सकता है जब विश्वविद्यालय इस बात से संतुष्ट हो जाए कि जनता और निजी संपत्तियाँ, जिन्हें चुनाव अभियान के दौरान विरूपित किया गया था, एक सप्ताह के भीतर साफ कर दी जाती हैं और फिर से रंग दिया जाता है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय को हाल के डूसू चुनावों के लिए वोटों की गिनती की प्रक्रिया 26 नवंबर या उससे पहले शुरू करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि यह केवल तभी आगे बढ़ सकता है जब विश्वविद्यालय इस बात से संतुष्ट हो जाए कि जनता और निजी संपत्तियाँ, जिन्हें चुनाव अभियान के दौरान विरूपित किया गया था, एक सप्ताह के भीतर साफ कर दी जाती हैं और फिर से रंग दिया जाता है।
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इसके अतिरिक्त, अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय और संबंधित छात्रों दोनों को 10 दिनों के भीतर हाई कोर्ट रजिस्ट्री के साथ एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें पुष्टि की गई कि संपत्तियों को अदालत के निर्देशों के अनुसार बहाल कर दिया गया है। यह फैसला प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई के बाद आया, जिन्होंने चुनाव के दौरान संपत्तियों के विरूपण को लेकर चिंता जताई थी।
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हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एमसीडी ने कोर्ट को बताया था कि शहर की दीवारों से पोस्टर और पेंट हटाने के लिए उसे लाखों रुपए खर्च करने होंगे। जबकि अदालत का कहना था कि दीवारों को गंदा करने वाले प्रत्याशी ही सफाई का खर्च उठाएं। हालांकि विश्वविद्यालय कैंपस में अधिकतर जगहों से पोस्टर और रंगी दीवारें साफ की गई थी लेकिन अभी भी कई जगह प्रचार के रंग रोगन और पोस्टर बैनर लगे होने की बात कही गई थी।
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