चिंतित अर्थशास्त्रियों को राष्ट्र विरोधी बता सकती है सरकार: चिदंबरम
खबरों के मुताबिक, अर्थशास्त्रियों और समाज शास्त्रियों ने आर्थिक आंकड़ों में राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर चिंता जतायी है। कुल 108 विशेषज्ञों ने एक संयुक्त बयान में सांख्यिकी संगठनों की ‘संस्थागत स्वतंत्रता’ बहाल करने का आह्वान किया है।
नयी दिल्ली। दुनिया के कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों द्वारा भारत के आर्थिक विकास से जुड़े आंकड़ों में ‘राजनीतिक हस्तक्षेप’ पर चिंता जताए जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने नरेंद्र मोदी सकरार पर कटाक्ष किया और कहा कि यह सरकार इन प्रतिष्ठित लोगों को ‘राष्ट्र विरोधी’ (एंटी नेशनल) करार दे सकती है।
108 eminent academics and scholars have condemned the Modi government for suppressing unfavourable unemployment data.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 15, 2019
Government's likely response: they are anti-nationals.
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘108 जानेमाने शिक्षाविदों और विद्वानों ने बेरोजगारी के आंकड़े को दबाने के लिए मोदी सरकार की निंदा की है। सरकार का जवाब यह हो सकता है: ये लोग राष्ट्र विरोधी हैं।’’
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खबरों के मुताबिक, अर्थशास्त्रियों और समाज शास्त्रियों ने आर्थिक आंकड़ों में राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर चिंता जतायी है। कुल 108 विशेषज्ञों ने एक संयुक्त बयान में सांख्यिकी संगठनों की ‘संस्थागत स्वतंत्रता’ बहाल करने का आह्वान किया है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में संशोधन करने तथा एनएसएसओ द्वारा रोजगार के आंकड़ों को रोक कर रखे जाने के मामले में पैदा हुये विवाद के मद्देनजर यह बयान आया है।
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