जेटली ने मानी अर्थव्यवस्था में गिरावट की बात, कहा उठा रहे हैं जरूरी कदम
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में पिछली तिमाही में मामूली गिरावट आयी और सरकार इसके कारण आयी चुनौतियों का समाधान निकालने की प्रक्रिया में है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में पिछली तिमाही में मामूली गिरावट आयी और सरकार इसके कारण आयी चुनौतियों का समाधान निकालने की प्रक्रिया में है। जेटली ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यह कहा। उन्होंने विपक्ष द्वारा नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रतिकूल असर की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि पिछली तिमाही में आयी मामूली गिरावट को छोड़ दें तो पिछले साढ़े तीन साल के वृहद आर्थिक आंकड़े अर्थव्यवस्था के पहले से बेहतर होने का संकेत देते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पिछली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मामूली गिरावट आयी जो मैंने भी कहा है। आर्थिक माहौल को बदलने के लिए जो भी जरूरी कदम हो सकते हैं, हम निश्चित उनके ऊपर अमल करने की प्रक्रिया में हैं।’’ जेटली ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक भी कदम नहीं उठाया। काला धन समाप्त करना और घूसखोरी रोकना संप्रग के राजनीतिक तथा आर्थिक एजेंडे का कभी हिस्सा ही नहीं रहा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह तय है कि काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाये जाने वाले किसी भी कदम का संप्रग का कोई नेता समर्थन नहीं करेगा।’’ जेटली ने कहा कि मौजूदा सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में कई कदम उठाये हैं और जिन्हें इससे दिक्कत हो रही है वे इन कदमों से असहज हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली तिमाही में नरमी के बाद भी सेवा क्षेत्र में सुधार हुआ है। विनिर्माण क्षेत्र के कारण जीडीपी में गिरावट आयी है। उन्होंने बैंकों पर निर्भर निजी क्षेत्र का निवेश कमजोर पड़ने और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने से पहले भंडार में कटौती किये जाने को अर्थव्यवस्था की सुस्ती के लिए जिम्मेदार बताया।
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