राज्यपाल का पद ना सजावटी है ना ही राजनीतिक : नायडू
नायडू अपने आधिकारिक आवास पर राज्यपालों, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों और प्रशासकों को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने उनके और उनके जीवनसाथी के लिए दोपहर के भोज की मेजबानी की। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।
नयी दिल्ली| उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि राज्यपाल का पद ना ‘सजावटी होता है, ना ही राजनीतिक।’
उपराष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, नायडू ने राज्यपालों से राज्यों के लिए एक ‘मार्गदर्शक’ के रूप में कार्य करने और यह देखने का भी आह्वान किया कि केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों को राज्यों द्वारा ठीक से लागू किया जाए।
नायडू अपने आधिकारिक आवास पर राज्यपालों, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों और प्रशासकों को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने उनके और उनके जीवनसाथी के लिए दोपहर के भोज की मेजबानी की। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।
नायडू ने राज्यपालों से विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की भूमिका में अपने राज्यों में अधिक से अधिक विश्वविद्यालयों का दौरा करने तथा छात्रों और कर्मचारियों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया, ताकि उन्हें प्रेरित किया जा सके।
नायडू ने यह भी सुझाव दिया कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अक्षरश: क्रियान्वयन पर नजर रखें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्यपाल का पद ‘‘न तो सजावटी है और न ही राजनीतिक और उनके आचरण को राज्य प्रशासन के लिए ‘‘उदाहरण स्थापित करना चाहिए।’’
उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि राज्यपाल भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तपेदिक (टीबी) के उन्मूलन और अन्य स्वास्थ्य जागरूकता पहल में महत्वपूर्ण भागीदार बन सकते हैं।
टीकाकरण का उदाहरण देते हुए नायडू ने बताया कि कैसे लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के सकारात्मक परिणाम मिले हैं और भारत में मृत्यु दर में कमी आई है।
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