राज्यपाल ने जनजातीय गौरव दिवस पर श्री बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की
राज्यपाल ने स्वतंत्रता आंदोलन में श्री बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए कहा कि वह भारत माता के ऐसे महान नायक थे, जिनका नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। उन्होंने अपनी सुधारवादी प्रक्रिया के तहत सामाजिक जीवन में एक आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने नैतिक आचरण की शुद्धता, आत्म सुधार करना हमारा कर्तव्य है
शिमला। जनजातीय समाज के नायक और महान स्वतंत्रता सेनानी श्री बिरसा मुंडा की जयन्ती पर आज राजभवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने श्री बिरसा मुंडा की चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। उनकी जयन्ती को भारत सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने स्वतंत्रता आंदोलन में श्री बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए कहा कि वह भारत माता के ऐसे महान नायक थे, जिनका नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। उन्होंने अपनी सुधारवादी प्रक्रिया के तहत सामाजिक जीवन में एक आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने नैतिक आचरण की शुद्धता, आत्म सुधार और एकेश्वरवाद का उपदेश देकर समाज को जागृत किया। उन्होंने कहा कि इतिहास के पन्नों से गुमनाम रहे आज़ादी के महानायकों की पहचान कर उन्हें याद करना हमारा कर्तव्य है।
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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के जनजातीय अध्ययन केंद्र के निदेशक डाॅ. चंद्रमोहन परसिरा ने इस अवसर पर श्री बिरसा मुंडा का जीवन परिचय दिया। प्रधान सचिव जनजातीय विकास ओंकार शर्मा, प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
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