नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध बंद करने की राज्यपाल ने की अपील
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘‘अब, जबकि सर्वोच्च न्यायालय में नागरिकता (संशोधन) कानून 2019 की वैधता को चुनौती दी गयी और इस पर रोक नहीं लगायी गई है, मैं सभी से शांति के हित में प्रदर्शन का मार्ग छोड़ने की अपील करता हूं ताकि हालात सामान्य हो सकें।’’
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को लोगों से नए नागरिकता कानून का विरोध बंद करने का अनुरोध किया क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) कानून की संवैधानिक वैधता की पड़ताल करने का फैसला किया लेकिन इस कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘‘अब, जबकि सर्वोच्च न्यायालय में नागरिकता (संशोधन) कानून 2019 की वैधता को चुनौती दी गयी और इस पर रोक नहीं लगायी गई है, मैं सभी से शांति के हित में प्रदर्शन का मार्ग छोड़ने की अपील करता हूं ताकि हालात सामान्य हो सकें।’’
शीर्ष न्यायालय ने बुधवार को केंद्र को नोटिस जारी किया और इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगले साल जनवरी के दूसरे हफ्ते तक उसका (केंद्र का) जवाब मांगा है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को इस कानून के जरिए भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के कई जिलों में 13 दिसंबर के बाद से हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं । प्रदर्शनकारियों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में रेलवे संपत्तियों और बसों में आग लगा दी।
.@MamataOfficial. Now that the Supreme Court is seized of challenge to validity of Citizenship (Amenendment) Act 2019 and has granted no stay, I appeal all to give up agitational path in the interest of peace so that normalcy returns and suffering of people is contained.
— Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 19, 2019
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