दलितों तक पहुंच बनाने के लिए सरकार कर रही नयी पहल

[email protected] । Mar 30 2017 5:33PM

दलितों सहित समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंच बनाने की पहल करते हुए महापुरूषों से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन करने वाली संस्थाओं को आर्थिक मदद देने का निर्णय किया गया है।

मोदी सरकार ने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर, ज्योति बा फुले, संत रविदास, कबीरदास जैसे महापुरूषों पर आधारित कार्यक्रमों के जरिये दलितों सहित समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंच बनाने की पहल करते हुए ऐसे महापुरूषों से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन करने वाली संस्थाओं को आर्थिक मदद देने का निर्णय किया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने महापुरूषों की जयंती मनाने, महापरिनिर्वाण दिवस या कोई अन्य दिवस या कार्यक्रम के लिए, उन महापुरूषों की सोच एवं विचार को प्रचारित करने के लिए आर्थिक मदद देने का निर्णय किया है।

उन्होंने कहा कि अगर कोई संस्थान बाबा साहब भीम राव अंबेडकर, ज्योति बा फुले, रविदास, कबीरदास, गुरू घासी राम समेत ऐसे महापुरूषों, जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों एवं पिछड़ों के कल्याण के लिए काम किया हो, उनकी जयंती या पुण्यतिथि मनाता है, तो सरकार उन संस्थाओं को आर्थिक मदद देगी। गहलोत ने कहा कि पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है। कोई एनजीओ, सामाजिक संगठन या पंजीकृत संगठन ऐसे महापुरूषों की जयंती, पुण्यतिथि या उनसे जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन करती है तो हम उन्हें पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता देते हैं। सरकार ने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष मनाने का निर्णय किया है। इसके अलावा अंबेडकर से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ घोषित किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हमसे कहा है कि जहां भी अंबेडकर से संबंधित स्थान हैं, उनको हम तीर्थ के रूप में घोषित करें। हमने ऐसा किया है।

मंत्रालय ने तय किया है कि अंबेडकर की जन्मस्थली इंदौर जिले में महू को तीर्थ के रूप में विकसित किया जायेगा और इस दिशा में महू का नाम अंबेडकर नगर कर दिया गया है। इसके अलावा जहां अंबेडकर जी ने पढ़ाई की, उन स्थानों पर विश्वविद्यालय के 100 छात्रों को भेजा गया। भारत सरकार के खर्च पर भेजा गया। मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाबा साहब की जन्मस्थली को तीर्थ घोषित किया गया। उनकी शिक्षा स्थली ‘लंदन’ में जहां उन्होंने अध्ययन किया, उस स्थल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया। इसके अलावा, अंबेडकर ने नागपुर में जहां दीक्षा ली, उसे दीक्षा स्थली घोषित की गई और महाराष्ट्र सरकार ने 300 करोड़ रूपये की राशि से उसका विस्तार करने की पहल की है। सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय ने इस संबंध में 9 करोड़ रूपये का योगदान दिया है। 

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाबा साहब का निधन अलीपुर रोड में हुआ था और उस स्थल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया है और 100 करोड़ रूपये की लागत से भव्य स्मारक बनाया जा रहा है। बाबा साहब का अंतिम संस्कार जहां हुआ था, उसे चैत्य भूभि घोषित किया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने इंदु मिल की जमीन का अधिग्रहण किया है और 300 करोड़ रूपये की लागत से इसका विकास किया जायेगा। अबंडकर की सोच और विचार के अध्ययन और उस पर शोध के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान का निर्माण किया जा रहा है। अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र का निर्माण 192 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है और यह अगले साल 14 अप्रैल तक शुरू हो जायेगा।

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