विशाखापत्तनम में दोबारा रिसाव होने के गांव वासियों के डर को दूर करने में जुटी सरकार
सरकार का कहना है कि गांववासी हालात सामान्य होने के लिये 48 घंटे का इंतजार कर सकते हैं। वे चाहें तो शहर में लगाए गए राहत शिविरों से वापस अपने घर लौट सकते हैं। गुजरात और नागपुर के तकनीकी विशेषज्ञ स्टाइरीन को पूरी तरह से निष्क्रिय करने के काम में जुटे हुए हैं।
विशााखापत्तनम। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एल जी पॉलीमर संयंत्र से शुक्रवार को ताजा रिसाव की अफवाहें उड़ने के बाद आसपास के पांच गांवों के लोगों के बीच डर और बढ़ गया है। इससे पहले बृहस्पतिवार को इसी संयंत्र से स्टाइरीन गैस लीक होने से 12 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि सरकार ने लोगों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए जोर देकर कहा है कि अब ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। राज्य की मुख्य सचिव नीलम साहनी ने शाम के समय विशाखापत्तनम जिला प्रशासन के साथ हालात की समीक्षा की।
सरकार का कहना है कि गांववासी हालात सामान्य होने के लिये 48 घंटे का इंतजार कर सकते हैं। वे चाहें तो शहर में लगाए गए राहत शिविरों से वापस अपने घर लौट सकते हैं। गुजरात और नागपुर के तकनीकी विशेषज्ञ स्टाइरीन को पूरी तरह से निष्क्रिय करने के काम में जुटे हुए हैं। गुजरात से मंगाए गए पीटीबीसी निरोधक को शुक्रवार शाम स्टाइरीन के प्रभाव को निष्क्रिय करने के काम में लगा दिया गया। सरकार ने प्लांट के आसपास रहने वाले 10 हजार से अधिक ग्रामीणों को राहत शिविर से वापस अपने गांव जाने के लिये कह दिया है कि क्योंकि वहां ठहरने में उन्हें मुश्किल हो रही है। हालांकि राज्य सरकार राहत शिविरों में उनके खाने-पीने का ध्यान रख रही है। इसके अलावा 454 से अधिक ग्रामीण अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से अधिकतर लोग आर आर वेंकटपुरम गांव के हैं, जहां पॉलीमर प्लांट स्थित है।
अन्य न्यूज़